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आयोध्या से बाहर भी प्रसिद्ध हैं श्री राम के पावन मंदिर, अटूट श्रद्धा लिए श्रद्धालु होते हैं नतमस्तक…

श्रीराम भगवान विष्णु के सातवें अवतार कहे जाते हैं। श्रीराम जन्मभूमि अयोध्या के अलावा भारत के हर कोने में उनके मंदिर स्थापित हैं। जहां पर दूर-दूर से श्रद्धालु दर्शन करने के लिए पहुंचते हैं।
भगवान विष्णु का अवतार माने जाने वाले श्री राम को लोग अपना आराध्य मानकर पूजते हैं। मान्यता के मुताबिक श्रीराम का जन्म उत्तर प्रदेश के अयोध्या जिले में हुआ था। वहीं श्रीराम की जन्मभूमि अयोध्या में उनका विशाल और भव्य मंदिर भी बन रहा है। मंदिर का कार्य पूरा होने के बाद रामलला की वहां पर स्थापना की जाएगी। श्रीराम की जन्मभूमि अयोध्या में मंदिर के दर्शन करने दूर-दूर से लोग आते हैं। वहीं अयोध्या के श्रीराम मंदिर के बारे लगभर सभी लोगों को पता है। लेकिन क्या आप जानते हैं इस स्थान के अलावा भी देश में श्रीराम के कई ऐसे फेमस मंदिर हैं। जहां पर लोग दूर-दूर से दर्शन के लिए पहुंचते हैं। आइए जानते हैं इन मंदिरों के बारे में…

केरल का त्रिप्रायर मंदिर

केरल के त्रिशूर जिले में स्थित त्रिप्रायर मंदिर लोगों के बीच काफी फेमस है। मान्यता के अनुसार, इस मंदिर में भगवान श्री कृष्ण ने श्रीराम की मूर्ति को स्थापित किया था। वहीं इस मंदिर को केरल के चेट्टुवा क्षेत्र के एक मछुआरे ने स्थापित किया था। इसके बाद यहां के शासक वक्कायिल कैमल ने इस मूर्ति को त्रिप्रायर में स्थापित किया था। कहा जाता है कि यहां पर आने वाले श्रद्धालुओं को बुरी आत्माओं से मुक्ति मिलती है।

नासिक का कालाराम मंदिर

महाराष्ट्र के नासिक के पंचवटी में स्थितकालाराम मंदिर से लोगों की काफी गहरी आस्था जुड़ी है। यहां पर भगवान श्रीराम की 2 फीट लंबी प्रतिमा है। बता दें कि यह प्रतिमा काले रंग की है। कहा जाता है कि वनवास के दौरान श्रीराम अपने भाई लक्ष्म और माता सीता के साथ पंचवटी में रुके थे। इस मंदिर का निर्माण सरदार रंगारू ओढेकर ने किया था। कहा जाता है कि सरदार रंगारू ओढेकर को सपना आया था कि गोदावरी नदीं में भगवान श्रीराम की एक काली मूर्ति है। फिर उन्होंने इस मूर्ति को निकलवार मंदिर में स्थापित की।

तेलंगाना का सीता रामचंद्रस्वामी मंदिर

तेलंगाना के भद्रादी कोठागुडेम के भद्राचलम में सीता रामचंद्रस्वामी मंदिर स्थित है। बताया जाता है कि यह वही मंदिर है, जहां श्रीराम ने माता सीता को वापस लाने के लिए गोदावरी नदी को पार किया था। बता दें कि इस मंदिर में भगवान राम का धनुष-बाण त्रिभंगा के रूप में स्थापित है।

मध्यप्रदेश का राम राजा मंदिर

मध्यप्रदेश के ओरछा में प्रभु श्रीराम का यह इकलौता ऐसा मंदिर हैं। जहां पर श्रीराम की पूजा राजा के तौर पर की जाती है। बता दें कि यहां पर हर दिन उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर देकर शस्त्र सलामी दी जाती है। इसे मध्यप्रदेश के राजा मधुकरशाह ने इस मंदिर का निर्माण कराया था। वहीं कई आक्रमणकारियों द्वारा यह मंदिर ध्वस्त कर दिया गया था। जिसके बाद इसका फिर से निर्माण करवाया गया।

कनक भवन अयोध्या

श्रीराम की जन्मभूमि अयोध्या में स्थित कनक भवन कुछ ही दूरी पर स्थित है। बता दें कि इस मंदिर को माता सीता की सास यानि की कैकेयी ने मुंह दिखाई में दिया था। सोने के आभूषणों और स्वर्ण सिहांसन होने के कारण इस मंदिर को कनक भवन कहा जाता है। यह मंदिर एक विशाल भवन की भांति बना है। कहा जाता है कि इस भवन का निर्माण देवताओं के शिल्पकार विश्वकर्मा जी ने किया था।

रामास्वामी मंदिर

कर्नाटक के चिक्कमंगलुरु जिले में स्थित रामास्वामी मंदिर काफी अनोखा है। मान्यता के अनुसार, हिरामगलूर में परशुराम ने श्रीराम से अपनी शादी का दृश्य दिखाए जाने का अनुरोध किया था। इसी कारण कोंडंडा में रमास्वामी की मूर्तियां हिंदू विवाह समारोहों की परंपराओं के अनुसार स्थित हैं। यह इकलौता ऐसा मंदिर हैं, जहां पर भगवान राम और लक्ष्मण के दाहिनी ओर माता सीता खड़ी हैं।

 

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