The Journalist Post : अगर आप भी अब तक मौसम में बदलाव के साथ होने वाले फ्लू संक्रमण को हल्के में लेते आ रहे हैं, तो सावधान हो जाइए। सेहत के लिए यह कई प्रकार से खतरनाक हो सकता है। हालिया अध्ययनों में वैज्ञानिकों की टीम ने अलर्ट किया है कि इसके कारण हार्ट अटैक होने का जोखिम कई गुना तक बढ़ जाता है। डच शोधकर्ताओं ने एक अध्ययन में पाया कि किसी व्यक्ति में फ्लू का पता चलने के बाद एक सप्ताह में दिल का दौरा पड़ने की आशंका छह गुना अधिक हो सकती है। शोधकर्ताओं का कहना है कि यह अध्ययन फ्लू के रोगियों और उनकी देखभाल की आवश्यकताओं पर विशेष जोर देता है।
हाल ही में हुए इस अध्ययन के निष्कर्ष को यूरोपीय कांग्रेस ऑफ क्लिनिकल माइक्रोबायोलॉजी एंड इनफेक्शियस डिजीज की बैठक में प्रस्तुत किया जाएगा। विशेषज्ञों का कहना है कि अब तक हम सभी जिस फ्लू संक्रमण को हल्के में लेते आ रहे थे, उसके कारण हृदय की समस्याओं का खतरा हो सकता है।
इंफ्लुएंजा और हार्ट अटैक
फ्लू और दिल के दौरे के बीच संबंधों के बारे में जानने के लिए हार्ट अटैक के कारण अस्पताल में भर्ती लोगों को शामिल किया गया। इसके लिए लैब टेस्टिंग के आंकड़ों पर ध्यान दिया गया। 2008-2019 के बीच प्रयोगशालाओं द्वारा इन्फ्लूएंजा के 26,000 से अधिक मामलों की पुष्टि वाले डेटा प्राप्त किए गए। शोधकर्ताओं ने पाया कि इनमें से 401 व्यक्तियों को उनके फ्लू निदान के एक वर्ष के भीतर कम से कम एक बार दिल का दौरा पड़ा। 25 हार्ट अटैक के मामले, फ्लू के निदान के पहले सात दिनों में रिपोर्ट किए गए।
फ्लू के कारण ब्लड क्लॉटिंग की समस्या
फ्लू का निदान होने के एक वर्ष के भीतर 401 रोगियों में से लगभग एक तिहाई की किसी न किसी हृदय रोग के कारण मौत हो गई। शोधकर्ताओं ने अध्ययन के आधार पर परिणाम निकाला कि इन्फ्लूएंजा वायरस संक्रमण रक्त के थक्के को बढ़ाने का कारण बनता है। इसके अलावा संक्रमण की स्थिति में शरीर की प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया के कारण इंफ्लामेशन होना स्वाभाविक है। रक्त के थक्के और इंफ्लामेशन की स्थिति, हृदय को रक्त की आपूर्ति करने वाली वाहिकाओं को नुकसान पहुंचा सकती है जिसके कारण दिल का दौरा पड़ने का खतरा बढ़ जाता है।
फ्लू से करते रहें बचाव
फिलहाल इस अध्ययन का पीर-रिव्यू नहीं हुआ है और 18 अप्रैल को होने वाली बैठक में इसे पेश किया जाना है। अध्ययन के निष्कर्ष के आधार पर स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि इंफ्लुएंजा संक्रमण पर भी गंभीरता से ध्यान दिए जाने की आवश्यकता है। बचाव के लिए मास्क लगाना और हाथों की स्वच्छता का ध्यान रखना जरूरी है। फ्लू का वार्षिक टीकाकरण भी इस तरह की बीमारियों और इसके कारण होने वाले दुष्प्रभावों से बचाने में मददगार हो सकता है।
नोट: यह लेख मेडिकल रिपोर्ट्स और स्वास्थ्य विशेषज्ञों की सुझाव के आधार पर तैयार किया गया है।