ओडिशा : ओडिशा के बालासोर में शुक्रवार शाम को कोरोमंडल एक्सप्रेस के छह से सात डिब्बे पटरी से उतरने के बाद दूसरी ट्रैक पर आ रही एक ट्रेन से टकरा गए। अपडेट के मुताबिक, हादसे में अब तक 280 यात्रियों की मौत की खबर है। सरकारी आंकड़ों में इसकी पुष्टि हुई है। इस हादसे में 1000 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं। अधिकारियों ने बताया कि हादसा शाम सात बजकर करीब 20 मिनट पर बाहानगा बाजार स्टेशन पर तब हुआ जब कोरोमंडल एक्सप्रेस कोलकाता के नजदीक शालिमार स्टेशन से चेन्नई सेंट्रल जा रही थी।
रेल मंत्री के सामने ममता ने उठाये सवाल
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने ओडिशा में कहा, ”यह अब तक का सबसे बड़ा रेल हादसा है। ऐसा ही हादसा 1981 में भी हुआ था। इस ट्रेन में एंटी कोलिशन डिवाइस नहीं था, अगर वह होता तो यह हादसा नहीं होता। हमारे राज्य के जिन लोगों की इस हादसे में मृत्यु हो गई उनके परिजनों को हम 5-5 लाख रुपए देंगे। हम राहत और बचाव कार्य में राज्य सरकार और रेलवे का पूरा सहयोग करेंगे।”
अब तक के अपडेट में 261 यात्रियों की मौत की पुष्टि हो चुकी है
न्यूज एजेंसी एएनआई ने दक्षिण पूर्व रेलवे के हवाले से बताया है कि अब तक 261 लोगों की मौत हुई है। घायल यात्रियों को गोपालपुर, खंटापारा, बालासोर, भद्रक और सोरो के अस्पतालों में ले जाया गया है।
ओडिशा ट्रेन हादसे की क्या थी वजह? रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया
ओडिशा भीषण ट्रेन हादसे के भयानक मंजर से देशभर में शोक की लहर है। खबर लिखे जाने तक हादसे में मरने वालों की संख्या 280 पार कर गई है और 900 से ज्यादा लोग अभी भी जख्मी हैं। इस हादसे में युद्ध स्तर पर रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया जा रहा है। स्थानीय फोर्स के अलावा आर्मी और वायुसेना भी राहत-बचाव कार्य में जुटी है। वायुसेना के हेलिकॉप्टों की मदद से घायलों को एयरलिफ्ट किया जा रहा है। शनिवार सुबह रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने मौके पर पहुंचकर रेस्क्यू ऑपरेशन की प्रगति जानी। मीडिया के सामने बताया कि भीषण रेल हादसे के पीछे की वजह अभी स्पष्ट नहीं हो पाई है। इसके लिए इन्क्वायरी कमेटी का गठन किया जा चुका है। क्या यह भीषण रेल एक्सीडेंट हादसा था या साजिश? इस पर रेल मंत्री क्या बोले, जानते हैं।
ओडिशा के बालासोर इलाके में हुए भीषण ट्रेन हादसे में शुक्रवार रात से रेस्क्यू ऑपरेशन चल रहा है। दो पैसेंजर ट्रेनों और एक मालगाड़ी के बीच भीषण टक्कर के बाद 10 से ज्यादा बोगियां पटरी से उतर गई। दिल दहला देने वाले इस भयावह हादसे में मरने वालों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है। खबर लिखे जाने तक इस हादसे में 280 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। जबकि, 900 से ज्यादा घायल हैं। स्थानीय पुलिस, प्रशासन के साथ एनडीआरएफ और आर्मी के जवान रात से राहत बचाव कार्य में जुटे हैं। सुबह से वायुसेना भी रेस्क्यू ऑपरेशन में उतर चुकी है।
अब तक 42 ट्रेनें रद्द, 38 का रूट बदला गया
इस ट्रेन हादसे के बाद अब तक 42 ट्रेनों को रद्द किया जा चुका है। वहीं, 38 के रूट बदले गए हैं। आपको बता दें कि कुछ ट्रेनों को आंशिक रूप से भी कैंसल किया गया है। कुछ को पूरी तरह से रद्द कर दिया गया है।
राहत और बचाव कार्य खत्म होने के बाद ही रूट को खोला जाएगा: रेल मंत्री
केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव आज सुबह-सुबह बालासोर में घटनास्थल पर पहुंचे। यहां उन्होंने कहा, ”रेलवे, NDRF, SDRF की टीम बचाव कार्य में जुटी है। फिलहाल हमारा ध्यान बचाव कार्य पर है। राहत और बचाव कार्य खत्म होने के बाद ही बहाली का कार्य शुरू कर दिया जाएगा। पहले से ही बहाली के लिए मशीने तैनात हैं।”
रेलवे ने शुरू की हेल्पलाइन
अधिकारियों ने बताया कि हादसे के बाद ओडिशा डिजास्टर रैपिड एक्शन फोर्स (ओडीआरएएफ) की चार टुकड़ियां, राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) की तीन टुकड़ियां और 60 एंबुलेंस घायलों को बचाने के काम में जुटी हैं। दुर्घटना के मद्देनजर ओडिशा सरकार और रेलवे ने हेल्पलाइन की शुरुआत की है।