बेंगलुरु: कर्नाटक में कांग्रेस के जिस किसी वरिष्ठ नेता को स्पीकर पद की पेशकश की जा रही है, वह इस जिम्मेदारी को लेने से मना कर रहा है। सूत्रों का कहना है कि उन्हें इस कुर्सी से जुड़ी मनहूसियत का डर सता रहा है। कर्नाटक में विधानसभा अध्यक्ष बनने वाले नेताओं को अगले चुनाव में हार मिली है और उनका राजनीतिक करियर पूरी तरह समाप्त हो गया है। पिछली बीजेपी सरकार में विधानसभा अध्यक्ष रहे विश्वेश्वर हेगड़े कागेरी भी चुनाव हार गए। उनकी हार ने पार्टी को झटका दिया और एक मजबूत नेता के रूप में उनकी ताकत पर सवाल खड़ा कर दिया।
कांग्रेस-जद (एस) सरकार में 2018 में स्पीकर रहे रमेश कुमार 10 मई को हुए चुनाव में हार गए थे। कांग्रेस पार्टी को पद के लिए वरिष्ठों को मनाने में मुश्किल हो रही है। मुख्यमंत्री सिद्दारमैया ने घोषणा की थी कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आर.वी. देशपांडे सोमवार से शुरू हो रहे विधानसभा के तीन दिवसीय पहले सत्र में अस्थाई अध्यक्ष बनेंगे और सत्र के दौरान नए अध्यक्ष का चुनाव होगा।
कांग्रेस के सूत्रों ने बताया कि डॉ. जी. परमेश्वर ने सीधे-सीधे प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया और उन्हें कैबिनेट मंत्री बना दिया गया। पार्टी टी.बी. जयचंद्र, एच.के. पाटिल, बी.आर. पाटिल और वाई.एन. गोपालकृष्ण जैसे वरिष्ठ नेताओं में से किसी एक को स्पीकर बनाने पर विचार कर रही है। हालांकि, उनमें से कोई भी इच्छुक नहीं है।