The journalist Post : विराट कोहली की इंडियन प्रीमियर लीग मैच में दिल्ली कैपिटल्स के खिलाफ 46 गेंदों पर खेली गई 55 रन की पारी पर बहस छिड़ गई है। टी-20 में पारी संवारने वाले बल्लेबाजों यानि एंकर की घटती भूमिका को लेकर सवाल खड़े हो गए हैं। कोहली की इस पारी के बावजूद रॉयल चैलेंजर्स बेंगलोर (आरसीबी) की टीम को इस मैच में हार का सामना करना पड़ा। दिल्ली ने फिल सॉल्ट की बड़ी अर्धशतकीय पारी की मदद से 20 गेंद शेष रहते ही यह मैच जीत लिया था।
आरसीबी का मध्यक्रम अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पा रहा है और ऐसे में कोहली का आखिर तक टिके रहने का रवैया सही माना जा सकता है लेकिन इससे उनकी टीम को कम से कम 20 रन का नुकसान हुआ जो कि फिरोज शाह कोटला में उनकी टीम के लिए विजयी स्कोर हो सकता था। कोहली ने पहली 18 गेंदों पर केवल 19 रन बनाए थे।
इससे साफ जाहिर होता है कि टीमों को अगर पावर प्ले में अच्छा स्कोर बनाना है तो उसे आक्रामक बल्लेबाजी करनी होगी। ऐसे में पारी सवारने वाले बल्लेबाजों की भूमिका गौण हो जाती है। दिल्ली के मुख्य कोच रिकी पोंटिंग इस सत्र के शुरू में टी20 में एंकर की भूमिका पर संदेह व्यक्त कर चुके हैं।
ऑस्ट्रेलिया के इस पूर्व कप्तान ने कहा था, ‘मेरा मानना है कि अगर आपके पास आक्रामक और पावरफुल बल्लेबाज हैं तो वह एंकर की भूमिका निभाने के लिए अपना खेल बदल सकते हैं लेकिन पारी संवारने वाले की भूमिका निभा रहा बल्लेबाज बमुश्किल ही 200 के स्ट्राइक रेट से रन बना पाएगा। इस साल अगर कोई खिलाड़ी ऐसा कर सकता है तो वह अजिंक्य रहाणे है।’
पोंटिंग ने कहा, ‘मुझे लगता है कि एंकर की भूमिका घटती जा रही है। यह क्रीज पर उतरने वाले बल्लेबाज पर निर्भर करता है क्योंकि कई बार आपको वैसी शुरुआत नहीं मिलती जैसे आप चाहते हैं और ऐसे में आपको अपनी भूमिका बदलने के लिए मजबूर होना पड़ता है।’