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कोरोमंडल एक्सप्रेस बोर्ड ने समझाया कैसे हुआ रेल हादसा, 275 मौतें; दो बार हुई गिनती

train accident : ओडिशा के बालासोर में 4  जून को हुए ट्रेन हादसे में अब रेलवे बोर्ड ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा है कि ये हादसा सिग्नलिंग में आई परेशानी के कारण हुआ है. इस दुर्घटना में अब तक 288 लोगों की जान चली गई है वहीं एक हजार से ज्यादा लोग घायल हुए हैं. एक सर्वे रिपोर्ट के मुताबिक रियल हादसे में हुए मौतों का आगरा 275 है

रेलवे बोर्ड की सदस्य जया वर्मा सिन्हा ने घटना की तस्वीर का वर्णन किया. उन्होंने बताया, कोरोनमंडल एख्सप्रेस को बहानागा स्टेशन से निकलने के लिए ग्रीन सिग्नल मिला था. इस ट्रेन की स्पीड 130 किलोमीटर प्रति घंटा है और हादसे के दौरान ये 128 की स्पीड से दौड़ रही थी जो साफ बताता है कि ये ओवर स्पीडिंग का मामला नहीं है. शुरुआती जांच में पता चला है कि सिग्नलिंग में परेशानी थी. ग्रीन सिग्नल होने के चलते वो अपनी रफ्तार से दौड़ रही थी और लूप लाइन में खड़ी मालगाड़ी में जा टकराई. रफ्तार इतनी तेज थी कि ट्रेन का इंजन मागलाड़ी के डिब्बे पर जा चढ़ा.

यशवंतपुर एक्सप्रेस की आखिरी दो बोगियों से टकराई कोरोमंडल एक्सप्रेस  मलबे में तब्दील

जय वर्मा ने आगे बताया, मालगाड़ी पटरी से नहीं उतरी क्योंकि मालगाड़ी लौह अयस्क ले जा रही थी इसलिए सबसे ज्यादा नुकसान कोरोमंडल एक्सप्रेस को हुआ. यह बड़ी संख्या में मौतों और चोटों का कारण है. कोरोमंडल एक्सप्रेस की पटरी से उतरी बोगियां डाउन लाइन पर आ गईं और यशवंतपुर एक्सप्रेस की आखिरी दो बोगियों से टकरा गईं, जो डाउन लाइन से 126 किमी/ घंटा की गति से पार कर रही थी.

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