द जर्नलिस्ट पोस्ट (रजनीश शर्मा): पंजाब में करीब दो सप्ताह पहले अजनाला में थाने के घेराव के बाद कांग्रेसियों ने सीएम भगवंत मान पर जमकर निशाना साधा था। उस समय कांग्रेस सांसद रवनीत सिंह बिट्टू ने बकायदा लाइव होकर मौजूदा हालात पर चिंता जताई थी और कहा था कि पंजाब सरकार को इस घटना का कड़ा संज्ञान लेते हुए सख्त कार्रवाई करनी चाहिए। इसके बाद विधानसभा सत्र में भी ये मुद्दा काफी गरमाया रहा। इसमें कांग्रेस के प्रदेश प्रधान अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग न भी मांग की थी कि मान सरकार को इस मुद्दे को काफी गंभीरता से लेते हुए अलगाववादियों पर कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए। इसके बाद केंद्र के सहयोग से सरकार ने कार्रवाई के आदेश दिए और अब पिछले तीन दिन से पुलिस अमृतपाल सिंह की तलाश में है। पुलिस ने अमृतपाल के करीब 100 समर्थकों को गिरफ्तार भी किया और पांच के खिलाफ एनएसए भी लगाया है और उन्हें आसाम की जेल में शिफ्ट किया गया है। इन सबके बीच अब कांग्रेस के ही एक विधायक ने मान सरकार की इस कार्रवाई की निंदा कर दी है। भुलत्थ से विधायक सुखपाल सिंह खैहरा ने कहा कि सरकार एक तो तरफ तो कह रही है कि सब कुछ ठीक है, लेकिन वहीं दूसरी तरफ रोजाना फ्लैग मार्च निकाल लोगों में दहशत फैलाई जा रही है। इसके अलावा पंजाब के लोगों को गिरफ्तार कर अन्य राज्यों की जेलों में शिफ्ट कर केंद्र सरकार के हवाले किया जा रहा है।
हाईकमान को देना चाहिए स्पष्टीकरण
इस पूरे मामले में अब कांग्रेसी ही एक-दूसरे के बयानों के विपरीत बयान देते दिख रहे हैं। इसमें अब पार्टी हाईकमान को आगे आकर स्पष्टीकरण देना चाहिए कि आखिर वे सरकार से क्या चाहते हैं। क्या वे मान सरकार की इस कार्रवाई का विरोध करते हैं या इसे स्वीकार करते हैं।
कांग्रेसियों में तालमेल की कमी
दूसरी तरफ लोग इसे इस नजरिए से भी देख रहे हैं कि कांग्रेसियों में आपस में तालमेल की कमी है। यही कारण है कि पिछले विधानसभा चुनाव में भारी बहुमत हासिल करने वाली कांग्रेस पार्टी इस पर बुरी तरह पिछड़ गई और आधे से ज्यादा उम्मीदवार अपनी जमानत तक नहीं बचा पाए थे।