शिमला () :- हिमाचल प्रदेश में 1,560 पशु लंपी (चमड़ी रोग) की चपेट में आ गए हैं। अब तक इससे 84 मवेशियों की जान जा चुकी है। कसुम्पटी से विधायक अनिरुद्ध सिंह ने नियम 62 के तहत सदन में ध्यानाकर्षण प्रस्ताव लाया। इसके जवाब में पशुपालन मंत्री वीरेंद्र कंवर ने कहा कि सिरमौर, सोलन, शिमला, चंबा, ऊना और कांगड़ा जिला में लंपी के मामले सामने आए हैं। इन जिलों में इसे महामारी घोषित किया गया है। पशुओं की मृत्यु पर आपदा प्रबंधन एक्ट के तहत 30,000 रुपये का मुआवजा दिया जा रहा है। पशुपालन मंत्री ने कहा कि विभाग अब तक 20,700 पशुओं का टीकाकरण कर चुका है। डॉक्टरों की टीम दिनरात महामारी को फैलने से रोकने मेें लगी है। उन्होंने कहा कि हिमाचल में लंपी बीमारी सिरमौर के नैना टिक्कर में 25 जून 2022 को घुमंतू पशुओं में पाई गई। इसकी रोकथाम के लिए जिला स्तर पर टास्क फ ोर्स गठित कर दी गई है। कांग्रेस विधायक अनिरुद्ध सिंह ने जिला के बजाय पूरे प्रदेश में लंपी को महामारी घोषित करनी की मांग की। उन्होंने बाहरी राज्यों से पशुओं की खरीद पर भी पाबंदी लगाने और पीड़ित पशुपालकों को 50,000 रुपये का मुआवजा देने की मांग की। मंत्री ने कहा कि यह बीमारी मक्खी-मच्छर इत्यादि के काटने से फैलती है। यह भी कोरोना की तरह जानवरों में फैल रही है। पशु को 105 से 106 डिग्री बुखार आ रहा है और पूरे शरीर पर फ ोड़े हो रहे हैं। राजस्थान में इस बीमारी ने खूब कहर बरपाया है।
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