उत्तरकाशी (TJP):- जिला प्रशासन ने छह से आठ अक्तूबर तक ट्रेकिंग और पर्वतारोहण गतिविधियों पर रोक लगा दी है। मौसम विभाग की ओर से अगले तीन दिन भारी बारिश और ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बर्फबारी के अलर्ट को देखते हुए जिलाधिकारी अभिषेक रूहेला ने यह निर्णय लिया। आज सुबह जनपद मुख्यालय में हाई एटीट्यूड वेलफेयर स्कूल गुलमर्ग की रेस्क्यू टीम पहुंच गई है। यह अपने आप में एक विशेषज्ञ टीम है। क्योंकि पूरे देश में गुलमर्ग में एकमात्र ऐसा संस्थान है जहां बहुत अधिक ऊंचाई पर रेस्क्यू के लिए प्रशिक्षण दिया जाता है।
मौसम ठीक होने का इंतजार
टीम मातली हेलीपैड से घटनास्थल के लिए रवाना हुई। घटनास्थल पर मौसम खराब होने के कारण बरामद हुए शव मातली हेलीपैड नहीं लाए जा पा रहे हैं। अब टीम को मौसम के ठीक होने का इंतजार किया जा रहा है। बता दें कि अभी 29 लोग लापता हैं। जबकि नौ शव बरामद किए जा चुके हैं। चार शव मंगलवार को बरामद किए गए थे, जबकि पांच शव आज गुरुवार को मिले हैं। बहुत अधिक ऊंचाई के कारण बुधवार को रेस्क्यू टीम घटनास्थल नहीं पहुंच पाई थी। बुधवार शाम को जो अपडेट मिला था उसके अनुसार रेस्क्यू टीम घटनास्थल से तीन घंटे की दूरी पर थी। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार अगले तीन दिन गढ़वाल मंडल के कुछ जनपदों में भारी बारिश की आशंका है। वहीं जनपद के ऊंचाई वाले इलाकों में बर्फबारी हो सकती है। डीएम अभिषेक रूहेला ने ट्रेकिंग व पर्वतारोहण दलों की सुरक्षा के मद्देनजर ट्रेकिंग व पर्वतारोहण गतिविधियां बंद रखने का निर्णय लिया है। आदेश के अनुसार इस दौरान किसी भी दल को ट्रेकिंग व पर्वतारोहण के लिए अनुमति प्रदान नहीं की जाएगी। जिलाधिकारी ने बताया कि उच्च हिमालय क्षेत्र में पहले से ट्रेकिंग व पर्वतारोहण के लिए गए दलों को भी मौसम संबंधी जानकारी दी जा रही है जिससे वे सुरक्षित स्थानों पर रुक सकें। हिमस्खलन की सूचना मिलते ही निम के बेस कैंप में मौजूद टीम सबसे पहले हरकत में आई। यह टीम महज पांच घंटे में 22 किलोमीटर का दुर्गम सफर तय करते हुए घटनास्थल तक पहुंच गई और अपने साथियों को रेस्क्यू किया। द्रौपदी का डांडा में हिमस्खलन की चपेट में आने के बाद सकुशल बचे प्रशिक्षक अनिल कुमार ने बताया कि घटना मंगलवार सुबह करीब आठ बजे की है।