कोलकाता (TJP) – प्रवर्तन निदेशालय ने शनिवार को पश्चिम बंगाल सरकार में मंत्री पार्थ चटर्जी को गिरफ्तार कर लिया। बताया गया है कि उन्हें शिक्षक भर्ती घोटाले के मामले में अरेस्ट किया गया है। इसके बाद उन्हें स्थानीय अदालत के सामने पेश करने के लिए ले जाया गया। एक दिन पहले ही उनकी करीबी सहयोगी अर्पिता मुखर्जी के घर पर भी ईडी की रेड पड़ी थी। इस छापे में करीब 20 करोड़ रुपये मिलने का दावा हुआ था। बताया जा रहा है कि मामले में मजिस्ट्रेट नीलम शशि कुजूर ने कोलकाता के बैंकशाल कोर्ट में सुनवाई की। हालांकि, पार्थ को मजिस्ट्रेट के सामने पेश नहीं किया गया। मजिस्ट्रेट ने कहा कि चूंकि यह एक विशेष मामला है, यह इस अदालत के अधिकार क्षेत्र में नहीं आता है। इसके बाद कोर्ट ने पार्थ को दो दिन की ईडी हिरासत में भेज दिया। अब पार्थ चटर्जी सोमवार को सुबह 10.30 बजे विशेष अदालत में पेश किया जाएगा।
पार्थ चटर्जी के वकील ने कहा कि मेरे मुवक्किल के आवास से कोई पैसा बरामद नहीं हुआ और न ही उन्हें गिरफ्तार करने के लिए कोई विशेष अनुमति ली गई क्योंकि वे एक लोक सेवक है। प्राथमिक अपराधों में जब भी बुलाया गया वे पेश हुए लेकिन इस बार समन नहीं आया। गौरतलब है कि ईडी के अधिकारियों ने कथित शिक्षक भर्ती घोटाला मामले में चटर्जी से शुक्रवार को रातभर पूछताछ की। एजेंसी के अधिकारियों ने चटर्जी से आवास पर शुक्रवार सुबह आठ बजे से उनसे पूछताछ शुरू की थी, इसके बाद आज उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। जब यह कथित घोटाला हुआ था, तब चटर्जी राज्य के शिक्षा मंत्री थे। प्रवर्तन निदेशालय इस घोटाले में कथित रूप में शामिल लोगों के खिलाफ धनशोधन संबंधी पहलू की जांच कर रहा है।
पार्थ चटर्जी अभी उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री हैं। सीबीआई दो बार उनसे पूछताछ कर चुकी है। पहली बार 25 अप्रैल को और दूसरी बार 18 मई को पूछताछ की गई थी। पश्चिम बंगाल के शिक्षा राज्यमंत्री अधिकारी से भी सीबीआई पूछताछ कर चुकी है। इसके अलावा उनकी बेटी स्कूल शिक्षक की अपनी नौकरी गंवा चुकी हैं।
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