नई दिल्ली (TJP) – सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को कहा कि वह आम आदमी पार्टी (आप) द्वारा दायर एक याचिका पर 5 अगस्त को सुनवाई करेगा, जिसने राष्ट्रीय राजधानी में वार्डों के परिसीमन के आधार पर दिल्ली नगर निगमों (एमसीडी) के चुनावों को स्थगित करने को चुनौती दी है। केंद्र ने जवाब दाखिल करने के लिए समय मांगा है। न्यायमूर्ति ए एम खानविलकर की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि चुनाव आयोग की ओर से पेश होने वाले वकील सलाह देने पर लिखित नोट या दलीलें भी दाखिल कर सकते हैं। केंद्र की ओर से पेश हुई अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल (एएसजी) ऐश्वर्या भाटी ने मामले में जवाब दाखिल करने के लिए समय मांगा। भाटी ने पीठ से कहा कि मैं जवाब दाखिल करने का अनुरोध कर रही हूं। पीठ ने कहा कि इस मामले को 5 अगस्त को सूचीबद्ध करें। 20 जुलाई को शीर्ष अदालत ने याचिकाकर्ता को केंद्रीय एजेंसी सहित प्रतिवादियों के स्थायी वकील को याचिका की अग्रिम प्रति देने की छूट दी। आप ने याचिका में विशेष अधिकारी के माध्यम से केंद्र, राज्य चुनाव आयोग और एमसीडी को प्रतिवादी बनाया है। आप की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता एएम सिंघवी ने पिछले सप्ताह पीठ को बताया था कि दिल्ली में तीन नगर निगम हैं और उनकी अवधि इस साल मई के मध्य में समाप्त हो गई है। उन्होंने कहा था कि तीनों एमसीडी का एकीकरण हो गया है, एकीकरण के बाद चुनाव में देरी नहीं हो सकती। सुप्रीम कोर्ट शुक्रवार को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के निदेशक के कार्यकाल को पांच साल तक बढ़ाने की अनुमति देने वाले संशोधित कानून और संजय कुमार मिश्रा को एक साल के विस्तार देने के केंद्र के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई के लिए सहमत हो गया। प्रधान न्यायाधीश एन वी रमना की अध्यक्षता वाली पीठ ने वरिष्ठ वकील बसवा प्रभु पाटिल की इस दलील पर गौर किया कि अखिल भारतीय तृणमूल कांग्रेस के नेता साकेत गोखले की याचिका को तत्काल सुनवाई के लिए सूचीबद्ध करने की जरूरत है। टीएमसी के प्रवक्ता गोखले के अलावा अन्य ने भी शीर्ष अदालत में इस संबंध में कार्यकाल विस्तार और सक्षम संशोधित कानून को चुनौती देने वाली याचिकाएं दायर की हैं। हम इसे कल सुनवाई के लिए सूचीबद्ध करेंगे।
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