चंडीगढ़ (TJP):- नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) और सुप्रीम कोर्ट की सख्ती के कारण इस बार पटाखों के उत्पादन में 60 फीसदी तक गिरावट आई है। इसकी वजह से इनके दाम 40 फीसदी तक बढ़ गए हैं। दिवाली, दशहरा और गुरुपर्व में करोड़ों रुपये के पटाखों का कारोबार करने वाले पंजाब के पटाखा कारोबारियों के लिए इस बार दिवाली फीकी रहने वाली है। पटाखों के कारोबार के लिए मशहूर कुराली, लुधियाना और पटियाला जैसे बाजारों में इस बार पहले जैसी रौनक नहीं है। अकेले लुधियाना जिले में पटाखों के 18 बड़े गोदाम हैं, जिनमें इस बार स्टॉक आधा है। पटाखों के दाम में बढ़ोतरी और कई तरह के प्रतिबंध के चलते सूबे की बड़ी फायर क्रैकर कंपनियों ने इस बार पटाखों के स्टॉक से हाथ खींच लिए हैं। बताया जा रहा है कि राज्य के लाइसेंसशुदा गोदामों में इस बार पटाखों की खेप आधी रह गई है। इस कदम को एक ओर जहां पर्यावरण की दृष्टि से सही माना जा रहा है, वहीं पटाखा कारोबार से जुड़े व्यापारियों और मजदूरों के लिए दिवाली फीकी हो गई है। गौर हो कि भारत में पटाखों का सर्वाधिक उत्पादन तमिलनाडु के शिवाकाशी में होता है। पंजाब के 90 फीसदी कारोबारी यहीं से हर साल दिवाली पर पटाखों की खेप मंगवाते हैं लेकिन इस बार केवल दिवाली पर ही कुछ घंटे के लिए पटाखे फोड़ने की अनुमति है। सरकार ने इसमें पटाखों की श्रेणी भी निर्धारित कर रखी है। लिहाजा किसी तरह का जोखिम न लेते हुए पंजाब के कारोबारियों ने इस दफा पटाखों के स्टॉक में कमी कर दी है।
पटाखा एसोसिएशन लुधियाना के प्रधान अशोक थापर का कहना है कि प्रतिबंध के कारण इस बार पटाखों के उत्पादन में 60 फीसदी तक की कमी आई है और दाम 30 से 40 फीसदी तक बढ़ गए हैं। इसकी वजह से इस बार आधा ही स्टॉक मंगवाया गया है। इस कारोबार से प्रदेश में हजारों परिवार जुड़े हैं। प्रतिबंध से कारोबार को हो रहे नुकसान की भरपाई के लिए सरकार को कोई वैकल्पिक व्यवस्था करनी चाहिए ताकि इन परिवारों का जीवन-यापन चल सके।
चंडीगढ़ में केवल सर्टिफाइड पटाखे फोड़ने की अनुमति
केंद्र शासित चंडीगढ़ में इस बार केवल सर्टिफाइड पटाखे फोड़ने की अनुमति है। एनजीटी और चंडीगढ़ प्रशासन के अनुसार शहर में केवल सीएसआईआर और एनईईआरआई से सत्यापित ग्रीन क्रैसर्स को ही बेचने की मंजूरी होगी। चंडीगढ़ के जिला मजिस्ट्रेट विनय प्रताप सिंह ने इसकी पुष्टि की है। उन्होंने कहा कि क्षेत्र के थाना प्रभारियों को इस बाबत निर्देश जारी कर दिए गए हैं। निर्देशों के उल्लंघन पर संबंधित क्षेत्र के थाना प्रभारी जिम्मेदार होंगे।