जालंधर (रजनीश शर्मा ): इंडस्ट्रियल एरिया में यूको बैंक में हुई 14 लाख रुपए से भी ज्यादा की लूट के मामले में बैंक मैनेजमेंट की गलती तो सामने आई ही है, इसके साथ साथ पुलिस की भी लापरवाही दिखाई दी। पुलिस अधिकारियों ने कई बार मीटिंग बुला कर बैंकों के अधिकारियों को सिक्योरिटी गार्ड रखने के आदेश दिए लेकिन यूको बैंक की मैनेजमेंट ने इन आदेशों को नहीं माना। पुलिस ने भी अपने लैवल पर खुद के आदेशों की जमीनी हकीकत चैक करने के लिए कभी चैकिंग नहीं की जिसका नतीजा लूट की वारदात निकली। दो साल पहले अर्बन स्टेट स्थित मणप्पुरम गोल्ड बैंक में भी सिक्योरिटी गार्ड न होने के कारण लुटेरों ने सेफ से लाखों रुपए लूट लिए थे। हालांकि पुलिस ने उन लुटेरों की पहचान तो कर ली थी लेकिन लुटेरे नहीं पकड़े गए थे। सभी लुटेरे बिहार के रहने वाले थे। इस वारदात के बाद भी पुलिस अधिकारियों ने बैंकों के बाहर सिक्योरिटी गार्ड रखने के आदेश दिए थे। हैरानी की बात है कि इंडस्ट्रियल एरिया में जिस जगह पर यूको बैंक है वह कमर्शियल इलाका है। रोड पर दिन के समय लोगों की आना जाना लगा रहता है उसके बावजूद लुटेरे इस वारदात को अंजाम दे गए।
बैंक के अंदर मौजूद लोगों ने बताया कि लुटेरों ने वैपन लहराते हुए कहा कि अगर कोई हिला तो उसे गोली मार देंगे। लोग व बैंक का स्टाफ दहशत में आ गया। लुटेरों ने कुछ लोगों को जमीन पर बैठा दिया और कुछ को कुर्सियों पर। इस दौरान लुटेरे आराम से कैस लेकर भाग गए। वहीं टीम ने जिस शीशे को लुटेरे ने तोड़ा था फॉरेंसिंक टीम ने वहां से फिंगर प्रिंट लिए है। बायोमीट्रिक स्कैनर की मदद से लुटेरे के फिंगर फ्रिंट चैक किए जाएंगे। हैरानी की यह बात भी है कि लुटेरे बिना नंबर प्लेट की काले रंग की एक्टिवा पर सवार होकर आए थे और एक्टिवा पर ट्रिपलिंग करके वह वारदात के फरार भी हो गए।
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