चेन्नई: अपना 14वां आईपीएल सीजन खेल रही चेन्नई सुपरकिंग्स की टीम ने 10वीं बार फाइनल में जगह बना ली है। एमएस धोनी की अगुवाई में चेन्नई सुपरकिंग्स ने गुजरात टाइटंस को मंगलवार रात खेले गए पहले क्वॉलिफायर में 15 रन से मात दी। टॉस गंवाकर चेन्नई ने 172/7 का चुनौतीपूर्ण टोटल खड़ा किया। लक्ष्य का पीछा करने उतरी गुजरात की शुरुआत खराब रही। पावरप्ले में टीम दो विकेट पर 41 रन ही बना सकी जो कि इस सीजन उनका पावरप्ले में बना तीसरा न्यूनतम स्कोर रहा। अंत में राशिद खान ने जरूर दम दिखाया, लेकिन 16 गेंद में 30 रन बनाकर आउट होते ही टीम की हार तय हो गई।
गुजरात टाइटंस की असली कमर स्पिनर रविंद्र जाडेजा और महीष तीक्षणा की जोड़ी ने तोड़ी। जडेजा की फिरकी भी चली और उन्होंने दाशुन शनाका और खतरनाक डेविड मिलर का विकेट निकालकर गुजरात का स्कोर 88/4 कर दिया। हालांकि, क्रीज पर गिल की मौजूदगी से गुजरात का पलड़ा भारी ही नजर आ रहा था। ऐसे में धोनी ने अपने सबसे भरोसेमंद गेंदबाज दीपक चाहर को गेंद थमाई, जिन्होंने इससे पहले साहा को चलता किया था। दीपक दोबारा लौटे और 14वें ओवर में टीम को वो सफलता दिला दी, जिसने मैच का परिणाम लगभग तय कर दिया। उन्होंने टॉप फॉर्म में चल रहे गिल (42) को आउट कर दिया। इसके बाद के बल्लेबाजों ने हार के अंतर को कम किया।
गुजरात का गणित पड़ा उलटा
गुजरात की टीम ने इससे पहले आठ मुकाबलों में टॉस जीता था। टॉस जीतने के बाद उसने छह मैच जीते जबकि दो में उसे हार मिली। इसमें उन्होंने टॉस जीतने के बाद छह बार पहले बोलिंग का फैसला किया। इन छह में से पांच मैचों में उसने जीत हासिल की। ये आंकड़ें गुजरात टाइटंस के कप्तान हार्दिक पंड्या के जेहन में जरूर रहे होंगे और शायद इन आंकड़ों को ध्यान में रखकर ही इस प्रेशर वाले मैच में उन्होंने चेपॉक की धीमी होती जाने वाली पिच पर बाद में बल्लेबाजी करने का फैसला किया। लेकिन आखिर में ये सारा गणित उलटा पड़ गया।