Health News : एक नए शोध में दावा किया गया है कि अगर एस्पिरिन का नियमित रूप से प्रयोग किया जाए तो लंबे समय में इसके बुरे प्रभाव सामने आ सकते हैं। एस्पिरिन से एनीमिया होने का खतरा करीब 20 प्रतिशत तक बढ़ सकता है। शोध से जुड़ीं एसोसिएट प्रोफेसर मैक्विलटन ने मरीजों को सलाह दी है कि डाक्टर की ओर से बताई गई डोज से अधिक मात्रा में इसका प्रयोग न करें। उनका कहना है कि बिना डाक्टर से बात किए डोज नहीं बदलनी चाहिए। यह खतरनाक साबित हो सकता है।
शोध में सामने आया है कि ऐसे बुजुर्ग जो एस्पिरिन का लगातार प्रयोग करते हैं, उन्हें एनीमिया होने का खतरा 20 प्रतिशत तक अधिक होता है। शोध में 70 वर्ष या इससे अधिक उम्र के लोगों के आंकड़ों को शामिल किया गया था। शोधकर्ताओं ने नतीजों को देखते हुए यह सलाह दी है कि ऐसे बजुर्ग जो इसका प्रयोग कर रहे हैं, उन्हें खून की कमी को लेकर सचेत रहना चाहिए और इसकी जांच कराते रहना चाहिए। मोनाश विश्वविद्यालय में हुआ यह शोध एनाल्स आफ इंटरनेशनल मेडिसिन में प्रकाशित किया गया है।
शोध के दौरान एस्पिरिन का इस्तेमाल कर रहे समूह में शामिल लोगों में एनीमिया का खतरा 20 प्रतिशत अधिक पाया गया। खून की जांच से यह भी पता चला कि जो एस्पिरिन का लगातार प्रयोग करते हैं उनमें हीमोग्लोबिन और फेरिटिन की मात्रा में भी तेजी से कमी आती है।