The Journalist Post
Politics Punjab

बहु-करोड़पति घोटाले में 17वीं गिरफ़्तारी, बाग़बानी विकास अधिकारी वैशाली गिरफ़्तार

चंडीगढ़. पंजाब विजीलैंस ब्यूरो ने अमरूदों के बाग़ों के मुआवज़े में हुए घोटाले सम्बन्धी आज बाग़बानी विकास अधिकारी (एच. डी. ओ.), खरड़ वैशाली को गिरफ़्तार किया है। ज़िक्रयोग्य है कि इस बहु-करोड़पति घोटाले में विजीलैंस द्वारा आज यह 17वीं गिरफ़्तारी की गई है।

यह जानकारी सांझा करते हुये आज विजीलैंस ब्यूरो के प्रवक्ता ने बताया कि ग्रेटर मोहाली एरिया डिवैल्लपमैंट अथॉरिटी (गमाडा) की तरफ से एयरपोर्ट रोड, एस. ए. एस नगर (मोहाली) के नज़दीक ऐरोट्रोपोलिस प्रोजैक्ट के लिए ज़मीन का अधिग्रहण किया गया था। इस प्रोजैक्ट के लिए अधिग्रहीत की गयी ज़मीन का मुआवज़ा गमाडा की लैंड पूलिंग नीति अनुसार दिया जाना था।

उन्होंने कहा कि उक्त ज़मीन में लगे फलों/अमरूद के वृक्षों की कीमत ज़मीन की कीमत से अलग तौर पर अदा की जानी थी और फलदार वृक्षों की कीमत बाग़बानी विभाग की तरफ से निर्धारित की जानी थी। इसके बाद ज़मीन ग्रहण कुलैकटर (एल. ए. सी.), गमाडा ने फलदार वृक्षों वाली ज़मीन की एक सर्वेक्षण सूची डायरैक्टर बाग़बानी को भेज कर वृक्षों का मूल्यांकन रिपोर्ट तैयार करने की विनती की।

प्रवक्ता ने आगे बताया कि सबसे पहले ’पाकेट ए’(गाँव बाकरपुर) के मूल्यांकन का काम डिप्टी डायरैक्टर, मोहाली की तरफ से जसप्रीत सिंह सिद्धू, एच. डी. ओ. डेराबस्सी को सौंपा गया जबकि यह क्षेत्र एच. डी. ओ. खरड़ वैशाली के अधिकार क्षेत्र में आता था। जसप्रीत सिद्धू ने अपनी रिपोर्ट में श्रेणी 1 और 2 के 2500 पौधे प्रति एकड़ के हिसाब से दर्शाऐ। इस अनुसार अदायगियाँ जारी करने के लिए यह रिपोर्ट आगे एल. ए. सी., गमाडा को भेजी गई।

इसके बाद ज़मीन के कुछ मालिकों ने आवेदन दायर किया कि उनके पौधों का सही मूल्यांकन नहीं किया गया और उन्होंने अधिक मुआवज़े का दावा किया। इन आवेदनों के आधार पर डायरैक्टर बाग़बानी ने इस रिपोर्ट की तस्दीक के लिए राज्य स्तरीय कमेटी का गठन किया, जिसमें दो सहायक डायरैक्टर और दो एच. डी. ओ. को शामिल किया गया। इस कमेटी ने पौधों की स्थिति और उपज के हिसाब के साथ फिर मूल्यांकन करने का सुझाव दिया। इसके बाद, ’पाकेट ए’ के मूल्यांकन का काम एच. डी. ओ. खरड़ वैशाली को दिया गया, जिन्होंने अपनी रिपोर्ट पेश की, जो लगभग पहली रिपोर्ट के साथ ही मिलती-जुलती थी, जिसमें ज़्यादातर पौधों को फल देने के लिए तैयार (4-5 साल की उम्र) होने के रूप में दर्शाया गया जिससे लाभार्थियों को अधिकतम मुआवज़ा दिया जा सके।

वैशाली की रिपोर्ट के आधार पर तकरीबन 145 करोड़ रुपए मुआवज़ा जारी किया गया। प्रवक्ता ने बताया कि इस मामले में एफ. आई. आर. दर्ज होने बाद वैशाली फ़रार हो गई और सैशन कोर्ट, मोहाली द्वारा उसकी आगामी ज़मानत ख़ारिज कर दी गई थी। इसके इलावा उसकी ज़मानत पटीशन हाई कोर्ट में पैंडिंग थी और उसमें भी उसे कोई अंतरिम राहत नहीं मिली।

प्रवक्ता ने बताया कि इस मामले में बाग़बानी विभाग के अन्य अधिकारियों की भूमिका का पता लगाने के लिए आगे जांच जारी है।

Related posts

पंजाब सरकार द्वारा जंगी जागीर को दोगुना करके 20,000 रुपए करने का फ़ैसला

Rajnish

पेटेंट खत्‍म होने के बाद 50 फीसदी तक सस्‍ती हों सकती हैं दवाएं

Rajnish

पंजाब सहित 122 जगह NIA की छापेमारी, लॉरेंस-गोल्डी के करीबियों पर बड़ी कार्रवाई

Rajnish

Leave a Comment

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More

error: Content is protected !!