द जर्नलिस्ट पोस्टः वास्तु का हमारे जीवन में विशेष महत्व होता है। हर हमारा घर वास्तु के अनुसार नहीं बना हो तो घर के सदस्यों को आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ता है। साथ ही अगर घर या कार्यस्थल वास्तु के अनुसार बना हो तो घर में मां लक्ष्मी का सदैव वास रहता है। यहां हम बात करने जा रहे हैं घर के मंदिर के बारे में, वास्तु अनुसार घर का मंदिर ईशान कोण में होना चाहिए। क्योंकि ईशान कोण देवी-देवताओं की दिशा मानी जाती है और इसी दिशा से शुभ फल की प्राप्ति होती है। लेकिन क्या आपको पता है मंदिर में ओम, स्वास्तिक, श्री और कलश बनाने के कई लाभ मिलते हैं। साथ ही मां लक्ष्मी भी प्रसन्न रहती हैं। आइए जानते हैं घर के पूजा स्थल पर इन चिह्न के होने से क्या फायदे मिलते हैं…
स्वास्तिक का चिह्न बनाने के लाभ
घर के मंदिर और मुख्य द्वार के दोनों और हल्दी से स्वास्तिक का चिह्न बनाएं और नीचे शुभ लाभ लिखें। ऐसा करने से घर में सुख- समृद्धि का वास रहेगा। साथ ही वास्तु दोष से मुक्ति मिलेगी। वहीं मां लक्ष्मी का आशीर्वाद सदैव बना रहता है।
घर में श्री का चिह्न बनाने के लाभ
मां लक्ष्मी की कृपा पाने के लिए घर के मंदिर में सिंदूर या केसर से श्री का चिह्न बनाएं। श्री का चिह्न मां लक्ष्मी का प्रतीक माना जाता है। साथ ही इसको बनाने से मां लक्ष्मी का आशीर्वाद प्राप्त होता है। साथ ही परिवार के सदस्यों में हमेशा प्रेम बना रहता है। वहीं घर के सदस्यों की तरक्की भी होती है।
ओम का चिह्न बनाने के लाभ
अगर पारिवारिक जीवन में समस्या चल रही हों तो केसर या चंदन से बनाए गए ॐ का चिह्न बनाएं। ऐसा करने से भगवान शिव का भी आशीर्वाद प्राप्त होता है। क्योंकि ऊं का चिह्न भगवान शिव का सूचक है। साथ ही घर में कभी धन- धान्य की कमी नहीं रहती है।
मंगल कलश का चिह्न बनाने के फायदे
घर में सुख- समृद्धि के लिए घर के पूजा स्थल पर सिंदूर से मंगल कलश का चिह्न बनाएंं। ऐसा करने से घर में पॉजिटिव एनर्जी बनी रहती है। साथ ही धन की आवक भी बनी रहती है। वहीं वैवाहिक जीवन में खुशियां बनी रहती हैं। साथ ही वास्तु दोष से भी मुक्ति मिलती है।