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जीवन में चिंताओं और परेशानियों से मुक्ति के लिए सबसे पहले करें यह काम

The Journalist Post : भगवान श्री कृष्ण कहते हैं कि आत्मा न कट सकती है और न जल सकती है। आत्मा न पानी में घुल सकती है और न हवा से सूख सकती है। आत्मा अमर है, अटल है, स्थिर और सनातन है।

श्री कृष्ण हमें बता रहे हैं कि हमारा असली अस्तित्व आत्मा है, जो शुद्ध और पवित्र है। चाहे हमारे साथ जो भी हो जाए, लेकिन हमारी आत्मा, हमारा केंद्र हमेशा पवित्र और पावन रहता है। यह अंदर ईश्वर का कण है। दूसरी ओर से देखा जाए, तो हम आत्मा से ईश्वर के साथ जुड़े रहते हैं। क्योंकि आत्मा ईश्वर की उस रचनात्मकता का प्रमाण है, जिससे भगवान ने हम सब को बनाया है। आत्मा इस बात का प्रमाण है कि भगवान ने सोचा कि दुनिया को कहीं न कहीं हमारी जरूरत है और उस जरूरत को पूरा करने के लिए उन्होंने हमारी रचना की।

जिंदगी में कई बार हमें लगता है कि हम जैसे दिखते हैं उससे हमारी पहचान होती है। हमें लगता है कि चेहरे से या शरीर से हमारा अस्तित्व है। पर भगवान श्री कृष्ण के अनुसार शरीर वह है, जो हमें दिखता है, लेकिन हमारे अस्तित्व का सच्चा आधार आत्मा है। इसलिए कि यह भगवान का अंश है। इसी तरह, हमें कई बार यह लगता है कि हमारी सोच, हमारा दिमाग और हमारी बुद्धि, हमारे अस्तित्व का प्रमाण हैं। लगता है बुद्धि से धन-समृद्धि या सफलता प्राप्त करते हैं। सभी उपलब्धियां जीवन में सफल होने का मार्ग देती हैं। तो फिर सोचने लगते हैं कि जो बुद्धि हमें सब दिलाती है, वही हमारे जीवन का आधार है। पर भगवान श्रीकृष्ण के अनुसार आत्मा का स्तर बुद्धि से कहीं ऊंचा है, क्योंकि बुद्धि ईश्वर की देन का एक पहलू है, पर आत्मा तो पूरा का पूरा ईश्वर का कण है।
अब आप जानना चाहेंगे कि अगर आत्मा श्रेष्ठ है, तो फिर जीवन में शरीर और बुद्धि का क्या स्थान है? भगवान श्रीकृष्ण हमें समझाते हैं कि ये जीवन जीने के औजार हैं। जैसे अगर फल काटना हो, तो छुरी लेकर काट सकते हैं। शरीर और बुद्धि का सही उपयोग करना सीख लेना चाहिए। शरीर से हम भगवान की बनाई दुनिया को देख सकते हैं, महसूस कर सकते हैं और इसमें जी सकते हैं। दिमाग से अच्छा सोचते या बुरा सोचते हैं। आपका दिमाग या तो आपको सकारात्मकता की तरफ ले जाता है या नकारात्मकता की अंधेरी घाटियों में धकेल देता है। या तो आप इन औजारों का सही इस्तेमाल कर सकते हैं या इनके हाथों की कठपुतली बनकर रह सकते हैं। इस बात का चुनाव हमेशा आपके हाथों में होगा। तो अपने शरीर और दिमाग को ऐसा औजार बनाइए, जो इस दुनिया में सही काम करे। भगवान श्री कृष्ण कहते हैं कि आप इन औजारों से सही काम करें या गलत, यह चुनने की शक्ति हमेशा आपके पास होगी।

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