फिल्लौर : पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने कहा है कि पंजाब पुलिस के वैज्ञानिक आधार पर आधुनिकीकरण के अंतर्गत आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) को भी लागू किया गया है। राज्य सरकार ने इस उद्देश्य के लिए पहले ही 45 करोड़ रुपए मंजूर कर दिए हैं। सीमा पार से ड्रोन गतिविधियों, नशे, हथियारों और अन्य वस्तुओं की तस्करी पर नजर रखने के लिए पहली बार सीमाओं पर लगभग 3000 एआई सक्षम कैमरे लगाए जाएंगे। न्होंने कहा कि राज्य सरकार जल्द ही पंजाब पुलिस में दस हजार नए सिपाहियों की भर्ती करेगी, जिसके संबंध में अधिसूचना पहले ही जारी की जा चुकी है।फिल्लौर स्थित महाराजा रणजीत सिंह पंजाब पुलिस अकादमी में पुलिस, कानून और न्याय और गृह मामलों के विभाग में 443 अधिकारियों को नियुक्ति पत्र वितरित करने के लिए आयोजित कार्यक्रम के दौरान संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने अपने मात्र 872 दिनों के कार्यकाल में राज्य के 44,250 युवाओं को सरकारी नौकरियां देकर नए मानक स्थापित किए हैं, जिससे पिछले ढाई सालों में औसतन रोजाना 50 युवाओं को सरकारी नौकरियां मिली हैं।
उन्होंने कहा कि सभी नियुक्तियां पूरी तरह से मेरिट के आधार पर की गई हैं। पारदर्शी प्रक्रिया अपनाकर और युवाओं द्वारा कड़े मुकाबले वाले परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद संभव हुई हैं।उन्होंने कहा कि पंजाब में अब तक 19 टोल प्लाजा बंद कर दिए गए हैं, जिनमें से दो कल ही बंद किए गए हैं। इनमें से कई टोल प्लाज़ाओं के प्रबंधक समय बढ़ाने की मांग कर रहे थे, लेकिन बड़े जनहित में उनकी मांग को खारिज कर दिया गया। भगवंत सिंह मान ने कहा कि इन टोल प्लाजा के बंद होने के कारण पंजाबियों के रोजाना 63 लाख रुपए बच रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह भी पहली बार हुआ है कि राज्य में कानून-व्यवस्था को सुचारू बनाए रखने के लिए 410 हाई-टेक नई गाड़ियां पंजाब पुलिस के एसएचओ को दी गई हैं। उन्होंने कहा कि यह भी पुराने रुझानों के विपरीत है, जब निचले स्तर पर नए वाहनों के बजाय यह उच्च अधिकारियों को दिए जाते थे।
भगवंत सिंह मान ने कहा कि इससे जहां एक तरफ कानून-व्यवस्था को बनाए रखने के लिए पुलिस को अपनी ड्यूटी प्रभावी ढंग से निभाने में काफी मदद मिली है और दूसरी ओर लोगों की सुरक्षा भी सुनिश्चित की जा रही है। उन्होंने कहा कि सरकार के कामकाज को सुचारू और उच्च स्तर का बनाने के लिए धन की कोई कमी नहीं है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने राज्य में अपनी तरह की पहली सड़क सुरक्षा बल (एसएसएफ) की स्थापना की पहल की है और सड़क सुरक्षा बल को सड़कों की सुचारू निगरानी के लिए पहले चरण में 144 अत्याधुनिक वाहन दिए गए हैं, जो सड़कों की निगरानी के लिए हर 30 किलोमीटर की दूरी पर तैनात किए गए हैं।
उन्होंने कहा कि सड़क सुरक्षा फोर्स ने फरवरी महीने में अपनी स्थापना से लेकर बीते पांच महीनों में 1200 के लगभग लोगों की जान बचाई।दुर्घटनाग्रस्त वाहनों में से 80 लाख के गहने एवं कैश लोगों के घरों तक पहुंचा। उन्होंने कहा कि देश के कई राज्यों के पुलिस कर्मचारी सड़क सुरक्षा फोर्स की ट्रेनिंग लेने के लिए फिल्लौर में आ सकते हैं।