जालंधर: आम जनता की पहुंच से दूर हो चुके टमाटर के दामों में भारी गिरावट देखने को मिली है, वहीं गोभी सहित कई सब्जियां भी एकाएक सस्ती हुई है जिससे लोगों को बड़ी राहत मिलती नजर आ रही है। अगले कुछ दिनों में दामों में और गिरावट होने के आसार हैं क्योंकि दूसरे राज्यों से सब्जियों की सप्लाई आने लगी है, जिससे शार्टेज का क्रम टूट गया है। बारिश के चलते पंजाब के कई इलाकों में सब्जियों की फसल खराब हो चुकी थी, जिसके चलते पंजाब को हिमाचल से आने वाली सब्जियों पर निर्भर होना पड़ रहा था। अब बेंगलुरु से सब्जियों की सप्लाई आ चुकी है, जिसके चलते सब्जियों के दाम कम हुए हैं। पिछले दिनों शतक लगाने वाले टमाटर के रिटेल दाम 50-60 रुपए प्रतिकिलो तक पहुंच गए हैं जबकि पिछले दिनों टमाटर के दाम 90-100 रुपए तक पहुंच गए थे। फूल गोभी रिटेल में 50 रुपए प्रति किलो के हिसाब से मिल रही है, जोकि जनता के लिए बड़ी राहत की खबर है। इसी तरह से हरी मिर्च के दाम 30 रुपए प्रति किलो बताए गए हैं। सब्जी विक्रेताओं का कहना है कि बेंगलुरु से सब्जियों की सप्लाई आने से राहत तो मिली है, लेकिन कई कई सब्जियों की सप्लाई दूर के राज्यों से नहीं आती।
हिमाचल से आने वाली कई सब्जियां अभी भी मंहगी चल रही हैं। कंडाघाट का पतले छिलके वाला खीरा 70 रुपए, बिन्ज (फलियां) 75, शिमला मिर्च 60 रुपए, करेला 50 रुपए व भिंडी 50 रुपए प्रति किलो तक पहुंच गई है। इसी क्रम में हिमाचली हाईग्रेड घीया 80 रुपए किलो पर रिटेल में बिक रहा है। कोट किशन चंद मंडी व पुरानी सब्जी मंडी के रिटेल दामों के मुताबिक हाईग्रेड सब्जियां आम सब्जियों से कुछ महंगी बिक रही हैं। दुकानदारों का कहना है कि पिछले समय के दौरान दिल्ली व दूसरे राज्यों के बड़े आढ़तियों द्वारा हिमाचल की सब्जी के प्रति रूझान दिखाया गया था जिसके चलते पंजाब आने वाली हिमाचली सब्जियों के दामों में रूटीन के मुकाबले कुछ उछाल नजर आ रहा है।
कई सब्जियां न्यूनतम दामों में बिक रही है जिससे आम आदमी की राहत बनी हुई है। रसोई में सबसे अधिक इस्तेमाल होने वाला आलू रूटीन से कुछ महंगा होकर 30-35 रुपए किलो जबकि प्याज के दाम 40 रुपए तक बने हुए हैं। इसी तरह बैंगन व अन्य सब्जियां 40 रुपए के हिसाब से ठेलों के जरिए घरों तक पहुंच रहा है। गर्मी व बारिश के दिनों में सब्जियां महंगी होने के चलते हर वर्ष रसोई का बजट बिगड़ता हुआ नजर आता है, लेकिन इन दामों को कंट्रोल में रखने के लिए कोई कदम नहीं उठाए जाते। इसी के चलते जनता को महंगे दामों में सब्जियां लेने को मजबूर होना पड़ता है और व्यापारी अपनी जेबों को गर्म करने में कोई कसर नहीं छोड़ते। हिमाचल में बम्पर फसल होने के बावजूद पंजाब आने वाली सब्जियों के दाम बेहद बढ़ा दिए जाते हैं, क्योंकि इसके पीछे मिलीभगत का खेल चलता है, सरकार इसपर नजर रखे तो जनता को राहत मिल सकती है।