चंडीगढ़. पंजाब कैबिनेट ने सरकारी कॉलेजों में 645 सहायक प्रोफैसरों की सीधी भर्ती के लिए आयु सीमा 37 साल से 45 साल करने की मंजूरी दे दी। मंत्रीमंडल की मीटिंग के बाद मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य के सभी सरकारी कॉलेजों में रेगुलर सहायक प्रोफैसरों तैनात करने में मदद मिलेगी। इसके अलावा अलग-अलग कॉलेजों में पहले ही नान-रेगुलर श्रेणी में काम करने वालों को पी. पी. एस. सी. के द्वारा सहायक प्रोफैसरों के रेगुलर पद पर सीधी भर्ती के लिए आवेदन करने का मौका मिलेगा। इससे विद्यार्थियों की मानक उच्च शिक्षा तक पहुँच यकीनी बनने के साथ-साथ तजुर्बेकार आवेदक, जिनके पास संतोषजनक अकादमिक योगदान होगा, का एक बड़ा पुल चयन के लिए उपलब्ध होगा।
16 नये सरकारी कॉलेजों में सहायक प्रोफैसरों के 320 अतिरिक्त पद सृजित करने की मंजूरी
किफ़ायती और मानक उच्च शिक्षा तक राज्य के नौजवानों की पहुँच बढ़ाने के उद्देश्य से किये एक मिसाली फ़ैसले में मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व वाली पंजाब कैबिनेट ने सोमवार को पंजाब के 16 नये सरकारी कॉलेजों में सहायक प्रोफैसरों के 320 पद सृजित करने को मंजूरी दे दी।
इस सम्बन्धी फ़ैसला मुख्यमंत्री के नेतृत्व अधीन आज यहाँ पंजाब सिविल सचिवालय-1 में उनके दफ़्तर में हुई मंत्रीमंडल की मीटिंग के दौरान लिया गया।
विवरण देते हुये मुख्यमंत्री दफ़्तर के प्रवक्ता ने बताया कि यह कॉलेज 2021-22 में शुरू किये गए थे। कैबिनेट ने इन कॉलेजों के लिए लाइब्रेरी रिस्टोरर के 16 और लैब अटैडैंटों के 64 पद कायम करने की भी मंज़ूरी दे दी। इस फ़ैसले से इन नये खुले कॉलेजों में ज़रुरी प्रोफैसरों और अन्य स्टाफ की तैनाती यकीनी बनेगी, जिससे नये कॉलेजों की कार्यप्रणाली सुचारू तरीके के साथ चलनी यकीनी बनेगी, जिसका विद्यार्थियों को लाभ होगा।
इंडियन स्टैंप एक्ट 1899 में संशोधन की इजाज़त, परिवार से बाहर पावर आफ अटार्नी पर दो प्रतिशत स्टैंप ड्यूटी लगाई
कैबिनेट ने इंडियन स्टैंप एक्ट 1899 के शड्यूल 1 ए में इंदराज नंबर 48 में संशोधन को भी मंज़ूरी दे दी, जिससे अब ख़ून के रिश्तों से बाहर प्रॉपर्टी के लिए पावर ऑफ अटार्नी जारी करने के लिए लगते कुलैकटर रेट या तय राशि के 2 प्रतिशत की स्टैंप ड्यूटी लागू कर दी है। यह ड्यूटी परिवारिक सदस्यों (जैसे कि पति/पत्नी, बच्चे, माता पिता, बहन/भाई, दादा/दादी और पोता/पोती) के अलावा किसी व्यक्ति को पावर आफ अटार्नी देने पर लागू होगी, जिससे वह अचल जायदाद की बिक्री के लिए अधिकारित होंगे। इस कदम का मंतव्य पावर ऑफ अटार्नी का दुरुपयोग और लोगों के साथ धोखाधड़ी को रोकना है।
मुख्यमंत्री के नेतृत्व अधीन मंत्रालय द्वारा सिख गुरुद्वारा (संशोधन) बिल-2023 को हरी झंडी
मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व में मंत्रीमंडल ने आज कहा कि सिख गुरुद्वारा (संशोधन) एक्ट- 2023 पवित्र गुरबानी का मुफ़्त प्रसारण करने के लिए ‘वर्तमान समय के मसंदों’ के कंट्रोल से मुक्त करने के लिए रास्ता साफ करेगा।
यहाँ मंत्रीमंडल की मीटिंग के बाद मुख्यमंत्री ने बताया कि मंत्रीमंडल ने आज ‘दा सिख गुरुद्वारा एक्ट-1925’ में संशोधन करने और इसमें धारा 125-ए शामिल करने की मंजूरी दे दी है जिससे श्री हरिमन्दिर साहिब से पवित्र गुरबानी का प्रसारण मुफ़्त करने को यकीनी बनाने की ज़िम्मेदारी शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के कंधों पर पड़ेगी। उन्होंने कहा कि इस संशोधन का मकसद यह यकीनी बनाना है कि बिना किसी अदायगी के समूची मानवता गुरबानी कीर्तन सुने और गुरबानी का लाइव प्रसारण देख सके। भगवंत मान ने कहा कि इस कदम से पवित्र गुरबानी का किसी भी ढंग से व्यावसायीकरण नहीं होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस एक्ट सिख गुरुद्वारा (संशोधन) एक्ट- 2023 के शीर्षक के अधीन होगा जो सरकारी गज़ट में प्रकाशित होने की तारीख़ से लागू होगा। उन्होंने कहा कि गुरबानी के मुफ़्त प्रसारण के लिए धारा-125 के बाद सिख गुरुद्वारा एक्ट-1925 में धारा-125-ए भी दर्ज की जायेगी। भगवंत मान ने कहा कि इस एक्ट में यह व्यवस्था होगी कि महान गुरू साहिबान की शिक्षाओं के प्रसार के लिए बोर्ड की ड्यूटी (शिरोमणि कमेटी) श्री हरिमन्दिर साहिब से पवित्र गुरबानी का लाइव प्रसारण (ऑडियों या ऑडियों के साथ-साथ वीडियो) सभी मीडिया घरानों, आऊटलेटज़, प्लेटफार्म, चैनलों आदि जो भी चाहता हो, को मुहैया करवाने के लिए होगी। इस एक्ट में यह व्यवस्था भी होगी कि प्रसारण के दौरान किसी भी कीमत पर विज्ञापन/ व्यावसायीकरण/बिगाड़ न हो।
पंजाब सिविल डैंटल सर्विसेज़ से सहायक प्रोफैसरों के पद भरने के लिए आयु सीमा में छूट को मंज़ूरी
अमृतसर और पटियाला के सरकारी डैंटल कॉलेजों और अस्पतालों के अलग-अलग विभागों में टीचिंग फेकल्टी की कमी का नोटिस लेते हुये कैबिनेट ने पंजाब डैंटल एजुकेशन सर्विस (ग्रुप ए) रूल्ज 2016 की धारा 8 की उप धारा 4 में दर्ज करने के लिए चौथे संशोधन को मंजूरी दे दी। इससे पंजाब सरकार की तरफ से पंजाब मैडीकल शिक्षा सर्विस (ग्रुप ए) में से संशोधन की तर्ज़ पर तरक्की के द्वारा पंजाब सिविल डैंटल सर्विसेज़ से सहायक प्रोफैसरों के पद भरने के लिए आयु सीमा 37$8= 45 हो जायेगी, जिससे सहायक प्रोफ़ैसर से एसोसिएट प्रोफ़ैसर और प्रोफ़ैसर के पदों के लिए योग्य उम्मीदवार उपलब्ध होने यकीनी बनेंगे। आयु सीमा 45 साल तय होने से इस फ़ैसले से जहाँ डैंटल विद्यार्थियों के लिए मानक शिक्षा यकीनी बनेगी, वहीं लोगों को बेहतर सेहत सहूलतें मुहैया होंगी।
सरकारी कॉलेजों के विद्यार्थियों के लिए प्रशिक्षण कोर्स शुरू करने के लिए ब्रिटिश कौंसिल के साथ समझौता सहीबद्ध करने की इजाज़त
पंजाब कैबिनेट ने अकादमिक सैशन 2023-24 से काम के लिए अंग्रेज़ी में संचार की योग्यता बढ़ाने के लिए उच्च शिक्षा विभाग के नेतृत्व अधीन सरकारी कॉलेजों के विद्यार्थियों के लिए प्रशिक्षण कोर्स शुरू करने के लिए ब्रिटिश कौंसिल के साथ समझौता सहीबद्ध करने के लिए उच्च शिक्षा विभाग को मंजूरी दे दी है। इस फ़ैसले के अंतर्गत मूलभूत पड़ाव में पाँच हज़ार विद्यार्थी कवर होंगे। इस आनलाइन प्रशिक्षण कोर्स के साथ विद्यार्थियों का पेशेवर हालात में अंग्रेज़ी भाषा में संचार करने का भरोसा बढ़ेगा। इससे न सिर्फ़ विद्यार्थियों का आत्म-विश्वास बढ़ेगा, बल्कि विद्यार्थी प्राईवेट और सरकारी क्षेत्र में नौकरियाँ हासिल करने के अधिक योग्य हो सकेंगे और उनमें उद्यमियों के तौर पर संचार करने की योग्यता भी बढ़ेगी।
पंजाब ऐजुकेशनल ट्रिब्यूनल को अधिक अधिकार देने को हरी झंडी
कैबिनेट ने पंजाब ऐफलीएटिड कॉलजिज़ (सिक्योरटिज़ ऑफ सर्विस आफ एंपलाईज़), एक्ट 1974 में संशोधन करने की भी मंज़ूरी दे दी। इससे पंजाब ऐजुकेशनल ट्रिब्यूनल को अपने फ़ैसले लागू करवाने के लिए अधिक अधिकार मिलेंगे। इसके अलावा ट्रिब्यूनल का कोरम प्रभाषित होगा और ट्रिब्यूनल की तरफ से मामलों के प्रभावशाली तरीके से निपटाने के लिए बैंचों के गठन करने की इजाज़त होगी।
ज्यूडिशियल अफसरों के वेतन में संशोधन सम्बन्धी नोटिफिकेशन को कार्यबाद मंजूरी
कैबिनेट ने दूसरे राष्ट्रीय ज्यूडिशियल पे कमीशन की सिफ़ारिशों और सुप्रीम कोर्ट के आल इंडिया जजज़ एसोसिएशन बनाम भारत सरकार और अन्य के शीर्षक वाली 2015 की रिट्ट पटीशन (सिवल) 643 में तारीख़ 27- 07- 2022 और 18- 01- 2023 के हुक्मों की पालना करते हुये ज्यूडिशियल अफसरों के वेतन में संशोधन सम्बन्धी तारीख़ 08-02- 2023 के नोटिफिकेशन को कार्यबाद मंजूरी दे दी।
श्रम विभाग के ग्रुप बी और सी के विभागीय नियमों को मंज़ूरी
इस दौरान कैबिनेट ने श्रम विभाग की कार्यप्रणाली को सुचारू बनाने के उद्देश्य से ग्रुप बी और सी के विभागीय नियमों में संशोधन को मंज़ूर कर लिया।