चंडीगढ़ : पंजाब के वित्त, योजना, आबकारी और कर मंत्री एडवोकेट हरपाल सिंह चीमा ने सामाजिक न्याय, अधिकारिता और अल्पसंख्यक विभाग को जाली अनुसूचित जाति प्रमाण पत्रों के आधार पर सरकारी नौकरी हासिल करने वाले व्यक्तियों के विरुद्ध प्राप्त हुई 93 शिकायतों का 15 दिनों के अंदर निपटारा करने के लिए कहा है।
पंजाब भवन में वित्त मंत्री स. हरपाल सिंह चीमा और सामाजिक न्याय, अधिकारिता और अल्पसंख्यक मंत्री डॉ. बलजीत कौर द्वारा ‘आरक्षण चोर पकड़ो मोर्चा’ के नेताओं के साथ मीटिंग के दौरान वित्त मंत्री ने मोर्चे के नेताओं द्वारा इस सम्बन्धी अन्य मामलों की सौंपी गई सूची बारे भी सामाजिक न्याय विभाग को एक महीनो के अंदर-अंदर कार्यवाही करने के लिए कहा। उन्होंने कहा कि इस सम्बन्धी जो मामले अदालत में हैं उनके बारे विभाग एडवोकेट जनरल के दफ़्तर के साथ तालमेल करके ठोस कार्यवाही को यकीनी बनाए।
जाली प्रमाण पत्रों के द्वारा सरकारी नौकरियों में आरक्षण हासिल करने की प्रथा पर पूर्ण रोक लगाने पर ज़ोर देते हुए वित्त मंत्री स. हरपाल सिंह चीमा ने सामाजिक न्याय, अधिकारिता और अल्पसंख्यक विभाग को कहा कि वह सभी सरकारी विभागों को पत्र लिखकर यह यकीनी बनाएं कि आरक्षण के दावे से जुड़े दस्तावेज़ की सम्बन्धित व्यक्ति के प्रोबेशन पीरियड के दौरान गहराई से जांच की जाये। उन्होंने विभाग को जाति आधारित प्रमाण पत्र बनाने की प्रक्रिया में आवश्यक संशोधनों सम्बन्धी प्रस्ताव तैयार करने के लिए भी कहा जिससे कि इस समस्या को जड़ से ख़त्म किया जा सके।
मीटिंग के दौरान ‘आरक्षण चोर पकड़ो मोर्चा’ के नुमायंदों ने जाली अनुसूचित जाति प्रमाण पत्रों के आधार पर सरकारी नौकरी लेने के मामलों संबंधी विस्तृत चर्चा की। इस सम्बन्धी सामाजिक न्याय, अधिकारिता और अल्पसंख्यक विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री रमेश कुमार गंटा ने बताया कि विभाग को अब तक कुल 93 शिकायतें प्राप्त हुई हैं, 26 मामलों की सुनवाई करके आगे जांच समिति को भेजे गए जिनमें से 23 मामलों में जाति प्रमाण पत्रों को रद्द करने की सिफारिश की गई है। विभाग के डायरेक्टर स. जसप्रीत सिंह ने मंत्रियों को बताया कि बाकी रहते 67 मामलों की भी जल्द सुनवाई की जायेगी। उन्होंने भरोसा दिया कि ये सभी मामले एक महीने में हल कर लिए जाएंगे।