The Journalist Post : इस वर्ष मौसम ने एतिहासिक करवट ली ओर 5 मई तक गर्मी का नामोनिशान नहीं था लेकिन एकाएक तापमान बढ़ने लगा और बठिंडा का पारा बढ़कर 41 डिग्री पर पहुंच गया। मौसम में आई अचानक तबदीली से विज्ञान भी हैरान है जबकि मई महीने में ओलावृष्टि कभी नहीं सुनी थी। यू तो मार्च के अंतिम सप्ताह व अप्रैल में गर्मी का अहसास होने लगता है। बैसाखी पर्व पर पारा 40 डिग्री पर पहुंच जाता है। इस वर्ष मौसम में आए अचानक बदलाव से जहां फसलों का नुकसान हुआ वहीं इसका असर स्वास्थ्य पर भी पड़ा। पारे में आई अचानक वृद्धि से अनुमान लगाया जा रहा है कि आगामी दिनों में बढ़ते तापमान के साथ हीट वेव चलने की संभावना है।
स्वास्थ्य विभाग ने जारी की है एडवाइजरी
स्वास्थ्य विभाग ने मौसम में आए बदलाव के चलते एडवाइजरी भी जारी की है। हीट स्ट्रोक से प्रभावित मरीजों की देखभाल के लिए अस्पतालों में प्रबंध मुकम्मल किए जा चुके है। मौसम विभाग अनुसार जून, जुलाई में गर्मी का प्रकोप ओर बढ़ेगा तथा लू का प्रकोप भी जारी रहेगा जिसका स्वास्थ्य पर असर पड़ेगा। लू से गर्म सर्द, बुखार, दस्त, आंखों में जलन, चर्म रोग, सन स्ट्रोक जैसी बीमारियों का आगमन होगा। डॉक्टरों का कहना है कि गर्मी के चलते पानी की मात्रा का अधिक सेवन करे, साथ में नीबू पानी जरूर पिएं।
पहाड़ अभी ठंडे, मैदानी क्षेत्रों में तापमान बढ़ा
बेशक पहाड़ अभी ठंडे है पर्वतीय क्षेत्रों में गर्मी के चलते बर्फ पिघलने लगी परन्तु मैदानी क्षेत्रों का तापमान लगातार बढ़ रहा है। पिछले 4 दिनों से पारा लगातार बढ़ता जा रहा है और मौसम के बदलाव के चलते मौसम शुष्क हो रहा है हवा में नमी न होने से गर्मी के साथ कंठ सूखने लगा, प्यास बढ़ने लगी। धूप से बचने के लिए लोग चेहरे को ढक कर चल रहे हैं।
गर्मी से अभी कोई राहत नहीं, जून के बाद बारिश की संभावना
वहीं स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि सार्वजनिक स्थलों पर मास्क जरूर पहने। मौसम में बदलाव आते ही अस्पतालों में मरीजों की संख्या बढ़ने लगी है। गर्मी के प्रकोप को देखते हुए सामाजिक संस्थाओं द्वारा ठंडे जल की छबीलें भी लगानी शुरू कर दी है। मौसम विभाग के अनुसार गर्मी से अभी कोई राहत नहीं, जून महीने के बाद ही बारिश की संभावना है।