The Journalist Post : विश्व जल दिवस पर मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने बुधवार को शिमला में राज्यस्तरीय समारोह की अध्यक्षता करते हुए कहा कि हर व्यक्ति के जीवन में जल के महत्व के दृष्टिगत जल संरक्षण के महत्व को समझने और इस बारे में सामुदायिक जागरुकता बढ़ाने की जरूरत है। विश्व जल दिवस पर सभी लोगों को जल और स्वच्छता संकट के समाधान की दिशा में कार्य करने की भी आवश्यकता है। इस वर्ष के विश्व जल दिवस का विषय ‘एक्सलरेटिंग चेंज’ रखा गया है।
सुक्खू ने जल के उपयोग और प्रबंधन के हमारे प्रतिदिन के तौर-तरीकों में बदलाव का आह्वान करते हुए कहा कि एक रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2030 तक 40 प्रतिशत जनसंख्या को पीने के पानी की कमी का सामना करना पड़ सकता है। ऐसे में हमें जल की हर बूंद बचानी चाहिए। उन्होंने कहा कि इन महत्वपूर्ण जल संसाधनों के संरक्षण के लिए समाज के हर वर्ग को मिलकर काम करने की जरूरत है।
हरित उपाय अपनाने पर विशेष बल देना होगा
मुख्यमंत्री ने कहा कि नदियों का जल प्रदेश की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इसके लिए हमें ‘हरित उपाय’ अपनाने पर विशेष बल देना होगा, जिससे हिमालय के ग्लेशियर और पारिस्थितिकी तंत्र पर ग्लोबल वार्मिंग का कम से कम प्रभाव पड़े। उन्होंने जल शक्ति विभाग की कार्यप्रणाली को गति देने के लिए आधुनिक तकनीक और बदलाव को अपनाने पर बल दिया। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार यूवी तकनीक के माध्यम से लोगों को स्वच्छ पेयजल उपलब्ध करवाने की योजना बना रही है। राज्य सरकार ने 31 मार्च 2026 तक हिमाचल को ‘हरित ऊर्जा राज्य’ बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया है और इस दिशा में आगे बढ़ते हुए हरित हाइड्रोजन से संबंधित एक महत्वपूर्ण समझौता शीघ्र ही होने जा रहा है।
सामूहिक रूप से कार्य करना होगा
मुख्यमंत्री ने कहा कि विश्व जल दिवस पर वर्ष 2023 की विषय वस्तु ‘जल और स्वच्छता संकट को हल करने के लिए परिवर्तन में तेजी लाने’ में निहित उद्देश्य को प्राप्त करने के लिए उन्हें सामूहिक रूप से कार्य करना होगा। उन्होंने कहा कि इसके लिए लोगों को जीवन में जल के उपयोग एवं प्रबंधन के उचित तरीकों के बारे में समझाना होगा। उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि पेयजल के सीमित स्रोत हैं और सभी की सामूहिक भागीदारी से जल संरक्षण किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू भी वार्ता के माध्यम से इस मामले के समाधान के पक्ष में हैं।
सुक्खू ने नौ जिलों की 50 ग्राम पंचायतों के प्रतिनिधियों को सम्मानित किया
मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने नौ जिलों की 50 ग्राम पंचायतों के प्रतिनिधियों और ग्राम जल एवं स्वच्छता समितियों के प्रतिनिधियों को सम्मानित किया। इन ग्राम पंचायतों ने विभिन्न जल आपूर्ति योजनाओं के संचालन, रखरखाव एवं वितरण के संबंध में जल शक्ति विभाग के साथ समझौता ज्ञापन हस्ताक्षर किए हैं। उन्होंने ग्राम जल एवं स्वच्छता समितियों के साथ बेहतर समन्वय के साथ कार्य करने के लिए प्रदेश के खंड स्रोत समन्वयकों, जिला ऊना की अंबेदिका शर्मा, रेनू बाला, पूनम सैनी, राजिंदर कौर, प्रदीप कुमार, जिला शिमला के जगदीश चंद और जोगिंदर सिंह, जिला किन्नौर की चित्र रेखा को भी सम्मानित किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने जल एवं इसके माध्यम से प्रकृति के संरक्षण में योगदान देने की शपथ भी दिलाई।