Indian Army: रक्षा मंत्रालय ने भारतीय रक्षा बलों के लिए विभिन्न हथियार प्रणालियों की खरीद के लिए 70,000 करोड़ रुपये से अधिक के प्रस्तावों को मंजूरी दी है. एक रक्षा अधिकारी ने इसकी जानकारी दी है. भारत अपनी अंतरराष्ट्रीय सीमाओं की चौकसी बढ़ाने के साथ-साथ सैनिकों की जरूरतों के अनुरूप हथियार प्रणाली भी विकसित करने पर विशेष ध्यान दे रहा है. इसके लिए ‘आत्मनिर्भर भारत’ के तहत स्वदेशी रूप से तैयार हो रहे हथियारों के निर्माण में एहतियातन जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं.
भारत की विविध भौगोलिक स्थितियों और उनकी जरूररतों के अनुरूप सैनिकों के लिए हथियार प्रणालियों के स्वदेशी रूप से विकास और डिजाइन पर तेजी से काम किया जा रहा है. इसी क्रम में सीडीएस जनरल अनिल चौहान ने बुधवार को नई दिल्ली में ‘ह्यूमन फैक्टर्स इंजीनियरिंग इन मिलिट्री प्लेटफॉर्म’ पर डीआरडीओ द्वारा आयोजित दो दिवसीय कार्यशाला में इस बात पर विशेष जोर दिया.
CDS ने दिया नीतिगत ढांचा निर्माण पर जोर
ह्यूमन फैक्टर्स इंजीनियरिंग इन मिलिट्री प्लेटफॉर्म’ पर डीआरडीओ द्वारा आयोजित दो दिवसीय कार्यशाला में चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ ने सैनिकों के लिए उपयुक्त स्वदेशी हथियार बनाने हेतु गुणात्मक आवश्यकताओं तथा डिजाइन के स्तर पर ह्यूमन फैक्टर्स इंजीनियरिंग की गतिविधियों को शामिल करने की आवश्यकता पर बल दिया. उन्होंने लंबे समय तक चलने वाली लड़ाइयों और छोटी अवधि के विशेष रक्षा अभियानों को ध्यान में रखते हुए एकीकृत रक्षा कर्मचारियों की भागीदारी के माध्यम से एचएफई के कार्यान्वयन के लिए एक सहक्रियाशील दृष्टिकोण व नीतिगत ढांचा तैयार करने का आह्वान किया.
क्या है ह्यूमन फैक्टर्स इंजीनियरिंग ?
ह्यूमन फैक्टर्स इंजीनियरिंग सुरक्षित व प्रभावी उपयोग के लिए मानव क्षमताओं एवं सीमाओं को ध्यान में रखते हुए उपकरणों और प्रणालियों के डिजाइन से संबंधित विज्ञान है. कार्यशाला में उत्पाद विकास चक्र के अभिन्न अंग के रूप में ह्यूमन फैक्टर्स इंजीनियरिंग के कार्यान्वयन के लिए डीआरडीओ की पहल का उल्लेख किया गया. ‘आत्मनिर्भर भारत’ के तहत स्वदेशी रूप से तैयार हो रहे हथियारों को ह्यूमन फैक्टर्स इंजीनियरिंग से जुड़ी तकनीकों को ध्यान में रखकर विकसित किया जा रहा है.
रक्षा उपकरणों के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस
देश की सुरक्षा के लिए उपयोग में लाए जाने वाले उपकरणों की तकनीक में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के प्रयोग पर विशेष फोकस किया जा रहा है. आने वाले दिनों में डिफेंस सेक्टर को मानव रहित तकनीक देने और सुरक्षा को अधिक चाक चौबंद करने के लिए भारतीय सेना AI के उपयोग के लिए डीआरडीओ सहित कई स्टार्टअप के साथ मिलकर काम कर रही है. आने वाले दिनों में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और रक्षा उपकरणों के लिए प्रणालीगत स्वायत्तता के युग में ह्यूमन फैक्टर्स इंजीनियरिंग की समान रूप से महत्वपूर्ण भूमिका होगी. इसके अलावा, डिफेंस इक्विपमेंट गहन सर्टिफिकेशन से गुजरता है. इस सर्टिफिकेशन प्रक्रिया में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का महत्व काफी बढ़ जाता है और AI के उपयोग से यह औटोमेटिक तरीके से संभव हो पाएगा।