जालंधर (रजनीश शर्मा ):- मॉडल टाउन में श्मशानघाट के सामने कूड़े के डंप को लेकर आने वाले दिनों में लॉ एंड ऑर्डर की समस्या उत्पन्न हो सकती है। क्षेत्र के हालात बिगड़ने का भी अंदेशा है क्योंकि इस डम्प को शिफ्ट करने की मांग को लेकर धरना प्रदर्शन कर रही ज्वाइंट एक्शन कमेटी को जहां अन्य संस्थाओं का भी भारी समर्थन मिलना शुरू हो गया है, वहीं इस डंप के आसपास करीब 10 वार्डों से कूड़ा इकट्ठा करके यहां फैंकने वाले सैकड़ों सफाई कर्मचारियों और रैग पिकर्स में भी असंतोष पनपने लगा है। इस मामले में सीधे-सीधे दो पक्ष बन गए हैं जिसमें से एक पक्ष का कहना है कि वह किसी हालत में अब इस डंप पर कूड़ा नहीं फैंकने देंगे और चाहे उन्हें मरण व्रत तक पर क्यों न बैठना पड़े परंतु अब इस डंप को शिफ्ट करवा कर ही धरना उठाएंगे। दूसरी ओर सफाई सेवकों और रैग पिकर्स के समर्थन में आए यूनियन नेता चंदन ग्रेवाल का कहना है कि प्रशासन इस डंप का वैकल्पिक प्रबंध करे क्योंकि आसपास के 10 वार्डों के करीब 10 हजार घरों से कूड़ा उठाने का काम बंद पड़ा है। लोग सफाई सेवकों पर दबाव बना रहे हैं परंतु उनकी समस्या यह है कि अगर मॉडल टाउन नहीं तो किस डंप पर जाकर कूड़ा फैंके। ऐसी हालत में अगर रैग पिकर्स या सफाई सेवकों ने सड़कों पर कूड़ा फेंकना शुरू कर दिया तो हालात बिगड़ सकते हैं। इसकी सारी जिम्मेदारी निगम और पुलिस प्रशासन की होगी। पता चला है कि हालात बिगड़ने की आशंका को देखते हुए पुलिस अधिकारियों ने भी मामले का संज्ञान लेना शुरू कर दिया है। इस बीच यूनियन नेता चंदन ग्रेवाल ने ज्वाइंट एक्शन कमेटी के प्रतिनिधियों के साथ धरना स्थल पर जाकर बातचीत की। उन्होंने यह मुद्दा फिर निगम कमिश्नर समक्ष उठाया जिन्होंने फिर 2 दिन का समय मामले के हल हेतु मांगा है। इस बीच ज्वाइंट एक्शन कमेटी को जहां सिख तालमेल कमेटी और आगाज़ जैसी बड़ी एन.जी.ओज का समर्थन मिलना शुरू हो गया है। वहीं भारी संख्या में क्षेत्र की महिलाओं ने भी धरना स्थल पर अपनी हाजिरी लगाई। यहां पहले से भीड़ ज्यादा बढ़ने लगी है।
निगम ने पैट्रोल पंप का देना है 91 लाख रुपया, उधार न मिलने से कूड़े की लिफ्टिंग रुकी
इस बीच शहर में कूड़े की स्थिति को लेकर नगर निगम के बड़े अधिकारियों की लापरवाही फिर सामने आई है। पता चला है कि कूड़ा ढोने वाली गाड़ियों के लिए नगर निगम जिस पेट्रोल पंप से रोज तेल लेता है, उसकी ओर निगम का करीब 91 लाख रुपए बकाया खड़ा हो गया है। इस कारण पैट्रोल पंप मालिक ने निगम की गाड़ियों में तेल भरने से इंकार कर दिया।
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