जालंधर (रजनीश शर्मा ) – पिछले समय दौरान रहे नगर निगम के अधिकारियों की ढीली कार्रवाई के चलते शहर में बायो माइनिंग प्लांट का कोई अता पता नहीं था। इस प्रोजैक्ट का कॉन्ट्रैक्ट लेने वाली कंपनी ने केवल कुछ पिल्लर इत्यादि खड़े करके बाकी काम रोक रखा था। अब वर्तमान निगम कमिश्नर दविंदर सिंह ने कंपनी प्रति कड़े तेवर दिखाते हुए जब प्रोजैक्ट संचालकों पर 14 लाख रुपए का जुर्माना ठोका और लेटलतीफी के लिए और जुर्माना ठोकने की चेतावनी जारी की तो कंपनी ने न केवल वहां शैड निर्माण का काम पूरा किया बल्कि वहां मशीनरी भी पहुंचनी शुरू हो गई है। माना जा रहा है कि इसी महीने वरियाणा डंप पर पड़े पुराने कूड़े को ठिकाने लगाए जाने का काम शुरू हो सकता है।
40 करोड़ की लागत से करीब 8 लाख टन कूड़े का होगा निपटारा
नगर निगम कमिश्नर ने बताया कि स्मार्ट सिटी के करीब 40 करोड़ रूपए की लागत से वरियाणा डंप पर पड़े करीब 8 लाख टन पुराने कूड़े का निपटारा किया जाएगा। उन्होंने कहा कि वरियाणा में काफी मात्रा में कूड़ा जमा हो जाने के चलते वहां समस्या आ रही थी। इस कारण शहर की लिफ्टिंग भी अक्सर प्रभावित रहती थी। बायो माइनिंग प्लांट जो 12 जून 2021 तक लग जाना चाहिए था, पहले ही काफी लेट हो चुका है इसलिए कंपनी पर दबाव बनाकर काम शुरू करवा दिया गया है।
स्वच्छता लीग के चलते कई कार्यक्रम करेगा निगम
कमिश्नर दविंदर सिंह ने बताया कि स्वच्छ भारत मिशन के 8 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में 17 सितंबर से केंद्र सरकार जो ‘इंडियन स्वच्छता लीग’ शुरू कर रही है, उसमें जालंधर निगम भी बढ़-चढ़कर भाग लेगा। इसके तहत विभिन्न स्कूलों, कालेजों इत्यादि में सैमीनार, नुक्कड़ नाटकों और जागरूकता संबंधी कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा। कई तरह की प्रतियोगिताएं होंगी। यह कार्यक्रम 17 सितंबर को रैली के माध्यम से शुरू किया जाएगा। उन्होंने बताया कि इसके लिए सैनिटेशन विभाग द्वारा जालंधर फ्रंटियर टीम का गठन किया गया है। यह अभियान 2 अक्तूबर को खत्म होने की बजाय महर्षि वाल्मीकि जयंती तक चलाया जाएगा।
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