बठिंडा (TJP) : बठिंडा जिले में लम्पी स्किन की बीमारी से अब तक 123 पशुओं की मौत हो चुकी है और पशु पालन विभाग की विभिन्न टीमें अब तक बीमारी से पीड़ित 3168 पशुओं का इलाज कर चुकी हैं। ये जानकारी लोक सूचना अफसर, कार्यालय डिप्टी डायरैक्टर, पशु पालन विभाग, बठिंडा की तरफ से सूचना के अधिकार के तहत जागो ग्राहक के सचिव संजीव गोयल को दी गई। पशुओं की मौत का उक्त आंकड़ा सरकारी तौर पर दर्ज है। इसके अलावा जो लावारिस पशु बीमारी के कारण मर चुके हैं वह इसमें शामिल नहीं हैं। सूचना में विभाग ने बताया कि बठिंडा जिले में लम्पी स्कीन की बीमारी से निपटने के लिए विभाग द्वारा 49 टीमों का गठन किया गया है। इन सभी टीमों में एक-एक वैटर्नरी अफसर शामिल हैं। जिले में लम्पी स्किन की बीमारी के इलाज और उससे निपटने के लिए अब तक 3 लाख रुपयों की कुल राशि प्राप्त हुई है, जिसमें खर्चे का विवरण अभी नहीं दिया गया है।
लावारिस पशुओं की मौत का नहीं है आंकड़ा
डिप्टी डायरैक्टर की तरफ से मिली सूचना अनुसार लम्पी स्किन की बीमारी से अब तक 123 पशुओं की मौत हुई है। अगर बठिंडा शहर और बठिंडा जिले में घूम रहे बेसहारा गौवंश की लम्पी स्किन की बीमारी से हुई मौतों का सही-सही आंकलन किया जाए तो ये आंकड़े कई गुना ज्यादा हो सकते हैं, क्योंकि अकेले बठिंडा शहर के आऊटर एरिया में ही बहुत से बेसहारा गौवंश लम्पी स्किन की बीमारी से मौत के मुंह में समा चुके हैं। बठिंडा शहर का बहुत सारा बेसहारा गौवंश इस लम्पी स्किन की बीमारी से ग्रस्त है जिनका इलाज करने की कोशिशें समाज सेवी संस्थाओं, पशु प्रेमियों और आम लोगों की तरफ से लगातार की जा रही हैं। संगठनों द्वारा लोगों के सहयोग से पशुओं को देसी दवाएं दी जा रही हैं जबकि कुछ संगठन वैटर्नरी माहिरों की मद से इंजैक्शन आदि भी लगा रहे हैं। विभाग की ओर से लम्पी स्किन की बीमारी से पीड़ित 3168 पशुओं का इलाज किया जा चुका है।
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