चंडीगढ़ : सिद्धू मूसेवाला हत्याकांड में एक और बड़ा खुलासा हुआ है। सिद्धू मूसेवाला की हत्या से एक दिन पहले कनाडा में बैठे गैंगस्टर गोल्डी बराड़ और एक शार्पशूटर प्रियव्रत फौजी के बीच फोन पर हुई बातचीत पुलिस के हाथ लगी है। इससे साफ जाहिर होता है कि पंजाब सरकार द्वारा मूसेवाला की सुरक्षा में कटौती ही उसकी मौत की असल वजह बना है। 28 मई को जैसे ही मूसेवाला की सुरक्षा कम किए जाने का कनाडा में बैठे लॉरेंस गैंग के गैंगस्टर गोल्डी बराड़ को पता लगा उसने शूटर प्रियवर्त फौजी को फोन किया। गोल्डी ने कहा कि मूसेवाला की सुरक्षा कम कर दी गई है, अब यह काम (मूसेवाला की हत्या) कल ही करना है। जिसके बाद अगले ही दिन यानि 29 मई को मूसेवाला की हत्या कर दी गई।
दिल्ली पुलिस ने प्रियव्रत फौजी के मोबाइल कॉल रिकॉर्ड की जांच करने के बाद यह खुलासा किया है। इस कॉल रिकॉर्ड के मुताबिक घटना वाले दिन शाम साढ़े चार बजे प्रियव्रत ने गोल्डी बराड़ को फोन कर कहा कि हम घर से बाहर हैं। फौजी गोल्डी बराड़ को ‘डॉक्टर’ कह कर संबोधन करता है। 29 मई की शाम करीब साढ़े चार बजे के करीब ‘डॉक्टर’ को एक और फोन कर बताया कि मूसेवाला घर से बाहर जा रहा हैं। कत्ल के बाद 29 मई को रिकॉर्ड की गई बातचीत से पता लगता है कि फौजी ने ‘डॉक्टर’ को फोन किया और बताया कि ‘काम कर दिया’ (कत्ल कर दिया) गया है।
सुरक्षा कम होते ही तेज हुई गैंगस्टरों की गतिविधियां
मूसेवाला को मारने के लिए शार्पशूटर कई महीनों से मानसा का चक्कर लगा रहे थे। वह मौके की तलाश में थे। यह मौका उन्हें मूसेवाला की सुरक्षा कम होने और फिर इसकी खबर बाहर आने से मिल गया। जैसे ही इसका गोल्डी बराड़ को पता लगा उसने गैंगस्टरों, साथियों और शार्पशूटरों को अलर्ट कर दिया और वारदात को अंजाम देने का आदेश दिया। वारदात वाले दिन मूसेवाला के घर के बाहर रेकी करने वाला केकड़ा पहले ही पहुंच गया था, जो पल-पल की खबर गोल्डी बराड़ को दे रहा था और गोल्डी बराड़ फौजी को अगला आदेश दे रहा था। जैसे ही मूसेवाला थार जीप पर बिना सुरक्षा के बाहर निकला तो गोल्डी बराड़ ने फौजी को फोन कर इस बारे में जानकारी दी, जिसके बाद जवाहरके के पास उसका कत्ल कर दिया गया।