हरियाणाः कैंसर के नकली इंजेक्शन बेचने वाले एक अंतर्राष्ट्रीय रैकेट का भंडाफोड़ हुआ है। इस रैकेट के तार देश के कई राज्यों व विदेशों तक जुड़े हैं। हरियाणा के खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग ने इसका खुलासा करने और आरोपियों को गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की है। यह अपनी तरह का पहला केस है, जिसमें किसी औषधि नियंत्रक अधिकारी द्वारा नकली दवा के मामले में आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। 3 सप्ताह में इस अंतर्राष्ट्रीय गिरोह का पर्दाफाश हुआ है। यह गिरोह कैंसर बीमारी ठीक करने के नाम पर नकली इंजेक्शन की सप्लाई कर रहा था। एक विदेशी नागरिक सहित 4 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। इस मामले में आने वाले दिनों में और भी कई गिरफ्तारियां हो सकती हैं। दरअसल, विश्व स्वास्थ्य संगठन यानी डब्ल्यूएचओ ने 11 अप्रैल को एक एडवाइजरी जारी करके स्पष्ट किया था कि कैंसर की बीमारी के नाम पर मार्केट में नकली इंजेक्शन बेचे जा रहे हैं।
जांच आगे भी जारी रहेगीः गृह मंत्री अनिल विज
डब्ल्यूएचओ ने इंजेक्शन के नाम के साथ इनका निर्माण करने वाली कंपनी के नाम का भी खुलासा किया था। हरियाणा के खाद्य एवं औषधि प्रशासन ने इसको लेकर जानकारी इकट्ठी की। इसके बाद 21 अप्रैल को ट्रैप लगाकर संदीप भुई नाम के एक आदमी को नकली इंजेक्शन एक नकली ग्राहक को ढाई लाख रुपये में बेचते हुए रंगे-हाथ पकड़ा। इस पूरे घटनाक्रम पर प्रकाश डालते हुए बुधवार को यहां मीडिया से रूबरू हुए स्वास्थ्य एवं गृह मंत्री अनिल विज ने कहा कि जांच आगे भी जारी रहेगी। विज ने कहा कि आरोपी संदीप भुई ने खुलासा किया कि वह औखला (दिल्ली) के रहने वाले मोती उर रहमान अंसारी के लिए काम करता है। 28 अप्रैल को अमनदीप चौहान द्वारा मोती उर रहमान अंसारी को गिरफ्तार किया गया। मोती उर रहमान अंसारी द्वारा जानकारी देने पर नई दिल्ली के रमेश नगर में रहने वाले कनिष्क राज कुमार को 9-10 मई की रात को नोएडा के सेक्टर-62 स्थित हार्टलेंट फार्मेसी बिल्डिंग से गिरफ्तार किया।
जांच अधिकारियों से 15 दिन में जवाब तलब
एक साल से अधिक समय से लंबित केसों से जुड़े जांच अधिकारियों से विज के निर्देशों पर डीजीपी ने कारण बताओ नोटिस जारी किए हैं। इससे जुड़े सवाल पर विज ने कहा कि पिछले एक साल से ज्यादा लगभग 3500 एफआईआर लंबित थी। इनके बारे में जांच अधिकारियों को नोटिस जारी करके 15 दिन में जवाब देने को कहा है। उन्हें यह बताना होगा कि केस दर्ज होने के बाद भी उनमें कार्रवाई क्यों नहीं की गई। जवाब आने के बाद अगली कार्रवाई होगी।
ठगी के 10 हॉटस्पाट
100 करोड़ की ठगी से जुड़े मामले पर विज ने कहा कि हरियाणा पुलिस ने बहुत बड़ा काम किया है। इस तरह के पूरे देश में ठगी के 10 हॉटस्पाट हैं, जहां से इस प्रकार की साइबर ठगी होती है। इसी में से एक नूंह था। 5000 पुलिस कर्मियों को लगाकर इन ठगों को पकड़ा है और लगभग 28 हजार केस के तार इससे जुड़े हैं। इस मामले में 65 लोगों को गिरफ्तार किया है और 250 लोगों को गिरफ्तार करने के लिए टीमों का गठन किया है।
कंपनी ने कहा-यह बैच यूएई व किर्गिस्तान में भी
विज ने कहा कि 21 अप्रैल को विभाग की ओर से इंजेक्शन बनाने वाली असली कंपनी को ईमेल भेजी। साथ ही, नकली इंजेक्शन का लेबल भी भेजा गया। लेबल पर असली कंपनी का नाम दर्ज था। कंपनी ने ईमेल के जवाब में दो-टूक कहा कि यह इंजेक्शन नकली है। साथ ही, यह भी खुलासा किया कि यह बैच यूनाइटेड अरब अमीरात व किर्गिस्तान देशों में भी पाया गया है। निर्माता कंपनी से नकली इंजेक्शन की पुख्ता जानकारी के बाद गुरुग्राम के औषधि नियंत्रण अधिकारी अमनदीप चौहान ने आरोपी संदीप भुई को गिरफ्तार किया।
नकली इंजेक्शन की बिक्री का रिकार्ड जब्त
विज ने बताया कि आरोपी कनिष्क राज कुमार के ठिकाने से नकली इंजेक्शन ‘Defitelio 80 mg/ml’ का बिक्री रिकॉर्ड भी औषधि नियंत्रण अधिकारी द्वारा जब्त किया है। इसमें मोती उर रहमान अंसारी द्वारा नकली इंजेक्शन देने की पुष्टि हुई है। कनिष्क राजकुमार ने पूछताछ में बताया कि एक तुर्की नागरिक मोहम्मद अली तरमानी उसके ऑफिस में जनवरी 2023 से आ रहा है। वह एक नकली इंजेक्शन मोहम्मद अली तरमानी से 1.75 लाख रुपये में खरीदकर 2.50 लाख रूपये में बेचता है। उसने यह भी बताया कि मोहम्मद अली तरमानी इस समय मुंबई के किसी होटल में ठहरा हुआ है। कनिष्क राजकुमार ने मोहम्मद अली तरमानी का मोबाइल नंबर भी औषधि नियंत्रण अधिकारी को बताया। इसके बाद मोहम्मद अली तरमानी का फोन निगरानी पर लगाया गया। इससे पता चला कि वह कोलाबा, मुंबई के एक होटल में रह रहा है। राज्य औषधि नियंत्रक ने इस बारे में मुंबई के जोन-। के डीसीपी हरी बालाजी से बात की। डीसीपी की टीम ने आरोपी मोहम्मद अली तरमानी को गिरफ्तार किया।