दिल्ली (TJP):- उच्च न्यायालय ने एक निजी स्कूल को निर्देश दिया है कि वह वैक्सीन न लगवाने वाले शिक्षक को ड्यूटी में शामिल होने की अनुमति दे क्योंकि मेडिकल बोर्ड ने पाया है कि उसे कोविड-19 वैक्सीन से एलर्जी के कारण उच्च जोखिम है। न्यायमूर्ति रेखा पल्ली ने कहा कि शिक्षक को हमेशा स्कूल परिसर में मास्क पहनना चाहिए और कोविड-19 के उचित व्यवहार और दिशा निर्देशों का पालन करना चाहिए। इसी के साथ याचिका का निपटारा कर दिया। दिल्ली सरकार ने अदालत को बताया कि याचिकाकर्ता की चिकित्सा स्थिति को देखते हुए उसने विशेष मामले के रूप में कोविड-19 टीकाकरण से छूट के उनके अनुरोध को स्वीकार कर लिया है। अदालत ने याचिकाकर्ता को अपने कर्तव्यों में शामिल होने की अनुमति देते हुए कहा कि एम्स द्वारा गठित 5 सदस्यीय बोर्ड द्वारा दी गई रिपोर्ट में याचिकाकर्ता को एलर्जी प्रतिक्रिया विकसित करने का एक उच्च जोखिम है। अदालत ने स्कूल को 10 प्रतिशत की कटौती के बाद शेष वेतन, साथ ही याचिकाकर्ता को संबंधित अवधि के लिए देय भत्ते जारी करने का भी आदेश दिया है।
छात्रा के खिलाफ जांच की मांग संबंधी याचिका खारिज
उच्च न्यायालय ने सेंट स्टीफंस कॉलेज की छात्रा जसलीन कौर के खिलाफ आपराधिक जांच की मांग संबंधी सर्वजीत सिंह की याचिका को खारिज कर दी। उन्होंने 2015 में दिल्ली में ट्रैफिक सिग्नल पर यौन उत्पीड़न और दुर्व्यवहार का आरोप लगाया था। हालांकि अदालत ने सिंह को छात्रा के खिलाफ मानहानि का मामला दायर करने की स्वतंत्रता प्रदान की दी। अदालत ने सिंह को संदेह का लाभ देते हुए 2019 में सभी आरोपों से बरी कर दिया गया था। इसके बाद सर्वजीत सिंह ने झूठी सूचना और सबूत देने के लिए कौर के खिलाफ आपराधिक जांच की मांग करते हुए निचली अदालत का रुख किया। हालांकि, निचली अदालतों ने उनके आवेदन और अपील को खारिज कर दिया था।