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भारत-चीन के बीच पांच महीने बाद हो सकती है कोर कमांडर स्तर की वार्ता, लद्दाख सीमा पर 28 महीने से है टकराव

नई दिल्ली (TJP) – भारत और चीन के बीच लद्दाख सीमा पर मार्च 2020 में शुरू हुआ टकराव अब तक खत्म नहीं हुआ है। देपसांग और डेमचोक जैसे इलाकों में अभी भी दोनों देशों की सेनाएं आमने-सामने हैं। इस बीच भारत-चीन के बीच अपने सैनिकों को पीछे हटाने पर भी सहमति नहीं बनी है। यहां तक कि पिछले पांच महीने से तो दोनों देशों के बीच सैन्य वार्ता भी नहीं हुई है। अब खबर है कि भारत और चीन के सैन्य अफसर 17 जुलाई को 16वें राउंड की कोर कमांडर स्तर की वार्ता में हिस्सा ले सकते हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस वार्ता में भारत का प्रतिनिधित्व फायर एंड फ्यूरी कोर कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल ए. सेनगुप्ता करेंगे। अभी यह साफ नहीं है कि यह बैठक चीन की तरफ होगी या भारत की तरफ, हालांकि इसमें भी एक बार फिर एलएसी में टकराव वाली जगहों से सेना पीछे हटाने पर चर्चा होगी।

इससे पहले दोनों देशों के बीच लद्दाख के चुशुल मोल्दो में मार्च की शुरुआत में वार्ता हुई थी। भारतीय पक्ष का नेतृत्व लेह स्थित सेना की 14वीं कोर के कमांडर लेफ्टिनेंट-जनरल अनिंद्य सेनगुप्ता और चीन की ओर से दक्षिण शिनजियांग सैन्य जिला प्रमुख मेजर जनरल यांग लिन ने किया था। मैराथन बैठक सुबह 10 बजे से लेकर देर रात तक चली थी।
दोनों पक्ष स्थिरता बनाए रखने पर सहमत
भारतीय सेना के प्रवक्ता ने बताया था कि भारत की ओर चुशुल-मोल्दो सीमा पर 15वें दौर की चीन-भारत कोर कमांडर स्तर की बैठक हुई। दोनों पक्षों ने पश्चिमी क्षेत्र में एलएसी के साथ जरूरी मुद्दों के समाधान के लिए 12 जनवरी को आयोजित पिछले दौर की अपनी चर्चा को आगे बढ़ाया। बाकी मुद्दों के जल्द से जल्द समाधान के लिए काम करने के लिए दोनों देशों के नेताओं द्वारा प्रदान किए गए मार्गदर्शन को ध्यान में रखते हुए दोनों पक्षों ने इस संबंध में विचारों का आदान-प्रदान किया।

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