जालंधर ( रजनीश शर्मा ) : अर्बन एस्टेट फेस टू डी ब्लॉक के पास एक बहुत ही बड़ा गंदा नाला है जिसमें सारे शहर का गंदा पानी, सीवर का पानी इस मेन पाइप में आ रहा है। यहां से यह नाला आगे जमशेर की तरफ जा रहा है। रात भर हुई भारी बारिश के कारण यह नाला इतना ओवर फ्लो हो गया की साइड से टूट गया जिस कारण अरविंद सेट सृष्टि डी ब्लॉक में स्मार्ट सिटी के तहत जो पार्क बन रहा है यह पानी लगभग 5 फुट के करीब उस पार्क में भर गया। इस पार्क की लंबाई लगभग 1 किलोमीटर के करीब है इतना ही नहीं यह गंदा पानी काफी जहरीला भी है। डी ब्लॉक की जो छोटी-छोटी गलियां है जहां पर हल्की सी बारिश में ही पानी भर जाता है। इससे लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा क्योंकि यह पानी पार्क में इकट्ठा होने के कारण जीव जंतु जैसे कि सांप तक लोगों ने अपने सामने इस पानी में निकलते देखे हैं। उनका कहना है कि और भी जहरीले जीव-जंतु इस गंदे पानी में है तो सभी डी ब्लॉक के निवासियों का कहना है कि उन्होंने कॉरपोरेशन को और साथ ही साथ स्मार्ट सिटी के अधिकारियों को सूचित किया है। इसके साथ ही यहां के एम.एल.ए. और काउंसलर को कई बार इस नाले के बारे में बताया गया है लेकिन उन्होंने चंद दिन पहले बारिश का डर होने के कारण जे.सी.बी. मंगवा कर खानापूर्ति की और मिट्टी की जो दीवार बनाई गई थी वह सारी की सारी इस गंदे पानी के फ्लो के कारण टूट गई।पूरी रात हुई बारिश की वजह से यह जहरीला पानी फेस 2 डी ब्लॉक के घरों तक पहुंच गया है। मौके पर मौजूद इन लोगों का कहना है कि हमारी प्रशासन से यही दर्ख्वास्त है कि इस नाले का काम तुरंत किया जाए और जो आगे पाइप्स सड़क पर पड़े हुए हैं उनको सुचारू रूप से फिट करके नाला अंडर ग्राउंड किया जाए।खास बात यह है कि डी ब्लॉक में काफी लोग इधर ऐसे हैं कि जो विदेश में रहते हैं एवं उन्होंने अपने घर में प्रवासी परिवार जो कि छोटे-छोटे बच्चों के साथ रोजी-रोटी की तलाश में यहां आए हैं। यह बच्चे इस गंदे पानी में जाकर खेलते हैं ऐसे बीमारी का बहुत ही ज्यादा खतरा है। मौके पर मौजूद लोगों में धर्मवीर सिंह, हरजीत सिंह, राजेंद्र सिंह, शंकर, सुनीता एवं संजीव, देव शर्मा मौजूद थे। पास ही रहते लोगों का यह कहना है कि एम.जी.एन, स्कूल कि जो रोड है यह पूरी की पूरी खड़ी हुई है एवं हल्की सी बारिश में बहुत ज्यादा मुसीबत का सामना करना पड़ रहा है। उनका कहना है की कोई न कोई कार्य इस सड़क पर लगा ही रहता है। सड़क बनती बाद में है और शब्दों से पहले ही उखड़ जाती है। इस सड़क की दशा इतनी खराब है कि छोटी छोटी गाड़ियां का आना जाना मुश्किल हो जाता है।