चंडीगढ़ (TJP): चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी (सी.यू.) प्रकरण के बाद यू.टी. प्रशासन भी हरकत में आ गया है। प्रशासन ने सभी होस्टलों में छात्र-छात्राओं को साइबर सिक्योरिटी के बारे में जागरूक करने का फैसला लिया है। सभी होस्टलों में पोस्टर लगाए जाएंगे कि साइबर क्राइम से बचने के लिए क्या करना चाहिए और क्या नहीं। साथ ही आई.टी. एक्ट को लेकर भी जागरूक किया जाएगा। इस संबंध में सलाहकार धर्मपाल ने बताया कि इस पर काम करने के लिए पुलिस विभाग को कह दिया गया है। पहले स्टूडैंट्स को जागरूक करने के लिए काम किया जाएगा। इससे छात्रों को जानकारी मिलेगी कि स्पाई कैमरों पर नजर रखने के साथ-साथ ऐसी अन्य टैक्नोलॉजी से अपने आप को कैसे सुरक्षित रखें। इसके अलावा होस्टल वार्डनों के साथ बैठक की जाएगी ताकि उन्हें कुछ संदिग्ध लगता है तो उन्हें जानकारी दे सकते हैं। इसके अतिरिक्त स्टूडैंट्स के लिए भी सीधा शिकायत नंबर जारी किया जाएगा, ताकि ऐसा कुछ लगने पर सीधे संपर्क कर सकते हैं। शिकायत के बाद पुलिस विभाग की तरफ से संबंधित होस्टल की चैकिंग करवाई जाएगी। प्रशासन इसे लेकर नोडल अधिकारी तैनात करने पर भी विचार कर रहा है। शहर में महिला सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए डी.सी. ने निर्देश दिए हैं कि जो भी कम्पनियां रात के समय पिक एंड ड्रॉप की सुविधा प्रदान करती हैं, उन्हें कैब ड्राइवर और अन्य कॉन्ट्रैक्ट स्टाफ का पूरा रिकॉर्ड संभाल कर रखना होगा ताकि पुलिस किसी भी समय उसे चैक कर सके। ये आदेश 20 सितम्बर से लेकर 18 नवंबर तक लागू रहेंगे। डी.सी. ने कहा कि शहर में चल रहे कॉल सैंटर्स, कॉरपोरेट हाऊसेज, मीडिया हाऊसेज और कई अन्य कंपनियों में रात की शिफ्ट में महिलाएं काम करती हैं, जिन्हें कम्पनी द्वारा पिक एंड ड्रॉप के लिए कैब सुविधा दी जाती है, लेकिन कैब ड्राइवर पर कम्पनी का कोई चैक नहीं होता। यही कारण है कि उनका पूरा रिकॉर्ड रखने की जरूरत है, ताकि महिला स्टाफ के साथ किसी भी प्रकार की अनहोनी न हो। उन्होंने कम्पनियों को निर्देश दिए हैं कि सिक्योरिटी और कॉन्ट्रैक्ट स्टाफ लाइसैंसी एजैंसी से ही हायर किया जाए। ये सुनिश्चित किया जाए कि महिला स्टाफ रात के समय कैब ड्राइवर के साथ अकेले सफर न करे। उनके साथ कोई सिक्योरिटी गार्ड या फिर मेल स्टाफ भी भेजा जाना चाहिए। कैब्स द्वारा ऐसा रूट ही अपनाया जाना चाहिए कि महिला स्टाफ को सबसे पहले पिक और सबके बाद में ड्रॉप न किया जाए। उन्होंने कहा कि महिला स्टाफ को उनके घर के ठीक सामने ही ड्रॉप किया जाना चाहिए और ऐसा रास्ता जहां पर कैब जाने की सुविधा न हो, वहां सिक्योरिटी गार्ड या फिर मेल इम्प्लाई साथ जाकर घर तक छोड़ कर आए। उन्होंने कहा कि कैब में पिक एंड ड्रॉप के दौरान चालक द्वारा अन्य बाहरी व्यक्ति को न बिठाया जाए और जी.पी.एस. सिस्टम भी इंस्टॉल किया जाना चाहिए ताकि रूट पर नजर रखी जा सके।
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