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आठ सेकंड में जमींदोज हुआ नोएडा का ट्विन टावर, कई मीटर तक फैला धूल का गुबार

नोएडा (TJP):- नोएडा स्थित सुपरटेक के ट्विन टावर को रविवार को गिरा दिया गया। विस्फोट के बाद चंद सेकेंड में विशाल इमारत ताश के पत्तों की तरह भरभरा कर गिर गई। अवैध रूप से निर्मित इन ट्विन टावर को धराशायी करने के उच्चतम न्यायालय के आदेश के एक साल बाद यह कार्रवाई की गई है। लगभग 100 मीटर ऊंचे टावर को चंद सेकेंड में ध्वस्त कर दिया गया।दिल्ली की प्रतिष्ठित कुतुब मीनार (73 मीटर) से ऊंचे इन टावर को ‘वाटरफॉल इम्प्लोजन’ तकनीक की मदद से गिराया गया। ट्विन टावर भारत में अब तक ध्वस्त की गई सबसे ऊंची संरचनाएं रहीं। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली से सटे नोएडा के सेक्टर 93ए में सुपरटेक एमराल्ड कोर्ट हाउसिंग सोसाइटी के भीतर 2009 से ‘एपेक्स’ (32 मंजिल) और ‘सियान’ (29 मंजिल) टावर निर्माणाधीन थे। इमारत गिराने के लिए 3,700 किलोग्राम से अधिक विस्फोटक का इस्तेमाल किया गया।
9 सेकेंड में ध्वस्त हुई इमारत
गगनचुंबी इमारतों को बनाने में करीब आठ सौ करोड़ रुपए की लागत आई थी और अब इसको गिराने में भी लगभग 17.55 करोड़ रुपए तक का खर्चा आया जिसका खर्चा सुरपटेक को ही उठाना पड़ेगा। सुपरटेक इमारत की ऊंचाई ऐतिहासिक इमारत कुतुबमीनार से भी अधिक है। इसको बनाने में कई साल लग गए और अब गिराने में पल भर का ही वक्त लगा। अभियंताओं की मदद कर रहे ब्रिटिश अभियंताओं ने बताया है कि जब इमारत को गिराया जाएगा, तब उससे निकलने वाली धूल का गुबार करीब तीन सौ मीटर तक फैल जाएगा। इसी दौरान आसपास के इलाकों में इमारत के ध्वस्त होने से उत्पन्न कंपन को महसूस किया जा सकेगा। कुतुब मीनार से भी ऊंचे दोनों टावर महज 9 से 12 सेकेंड में जमींदोज हो गए। इतनी बड़ी इमारत को गिराए जाने का यह पहला मामला है। इसे बारूद से गिराने के लिए दोनों टावर में करीब 9640 छेद किए गए थे। इन सुराखों में 3700 किग्रा विस्फोटक भरा गया है। इसमें ठीक ढाई बजे रिमोट के जरिये विस्फोट करके दोनों टावर को गिरा दिया गया। इसके लिए जेपी फ्लाईओवर पर ‘इंसिडेंट कमांड सेंटर’ बनाया गया है।
फरीदाबाद फ्लाई ओवर हिला
एटीएस सोसायटी के बाद एमराल्ड की बाउंड्री क्षतिग्रस्त होने की खबर सामने आ रही है। इसके अलावा फरीदाबाद फ्लाई ओवर के हिलने की खबर है। केंद्रीय मंत्रालल के अधिकारी निरीक्षण के लिए पहुंचे हैं।
पानी को स्प्रे करने के लिए एंटी-स्मॉग गन का इस्तेमाल
नोएडा के सुपरटेक ट्विन टावरों को गिराने के बाद आस पास जमे धूल को स्थिर करने के लिए पानी को स्प्रे करने के लिए एंटी-स्मॉग गन का इस्तेमाल किया जा रहा है। ट्विन टावर्स के ध्वस्त होने के बाद आसपास धूल का गुबार फैला।

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