नई दिल्ली : देश में पहली बार सीएनजी कारों ने बिक्री के मामले में डीजल कारों को पछाड़ दिया है। यह रिकॉर्ड बीती अप्रैल-जून तिमाही में बना है। मारुति सुजुकी के अनुसार, कंपनी ने घरेलू बाजार में हर तीसरी कार सीएनजी में बेची। इस साल की अप्रैल-जून तिमाही में उसने 10.3 लाख वाहन बेचे, जिनमें से 1,88,868 यानी 18.41% वाहन सीएनजी थे। पिछले साल जून में सीएनजी का मार्केट शेयर 13.63% और डीजल कारों का 18.34% था। ऑटोमोबाइल रिसर्च फर्म जैटो डायनेमिक के डेटा के अनुसार, मारुति सुजुकी के आंकड़े भी इसी तरह के हैं।विशेषज्ञों का कहना है कि ग्राहकों में सीएनजी वाहनों के प्रति आकर्षण बढ़ने के कारणों में सीएनजी के नए मॉडल, सीएनजी स्टेशनों की बढ़ती संख्या और नई डिज़ाइन शामिल हैं। उदाहरण के लिए टाटा मोटर्स ने अपने सीएनजी मॉडल के साथ ट्विन सिलिंडर टेक्नोलॉजी पेश की है। मारुति सुजुकी के चीफ इन्वेस्टर रिलेशंस ऑफिसर राहुल भारती ने कहा कि इस तिमाही में सीएनजी की बिक्री में राजस्थान, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, केरल और बिहार जैसे नए क्षेत्रों में काफी वृद्धि हुई है।
जैटो डायनेमिक के प्रेसिडेंट और डायरेक्टर रवि भाटिया ने कहा कि अब ग्राहकों को सीएनजी में बेहतर ऑप्शंस मिल रहे हैं। उदाहरण के लिए हुंडई मोटर ने अपने पॉपुलर हैचबैक ग्रैंड आई10 नियोस को डुअल सिलेंडर के साथ लॉन्च किया है। वर्तमान में लगभग 24 सीएनजी मॉडल उपलब्ध हैं, जो जून 2023 में 20 और जून 2022 में 13 थे। इसके प्राइमरी ग्राहक टैक्सी चालक और फ्लीट ऑपरेटर्स हैं।सीएनजी वाहनों की बिक्री में वृद्धि के साथ सीएनजी स्टेशनों की संख्या भी तेजी से बढ़ी है। जून 2024 में 6,956 सीएनजी स्टेशन थे। वहीं जून 2021 में यह संख्या 3,180 थी। हालांकि, इस दौरान दिल्ली में सीएनजी की कीमत 70% बढ़कर 75.09 रुपये प्रति किलो हो गई, जबकि जून 2021 में यह 44.30 रुपये प्रति किलो थी। फिर भी सीएनजी की कीमत पारंपरिक ईंधन के मुकाबले काफी कम है।