जालंधर : नगर निगम जालंधर और तहसील परिसर में पिछले कई सालों से जाली एन.ओ.सी. के कई मामले पकड़ में आ चुके हैं, जिस कारण प्रशासनिक अधिकारी काफी चौकस रहते हैं परंतु फिर भी यह गोरखधंधा रुकने का नाम नहीं ले रहा। नगर निगम जालंधर के अधिकारियों ने हाल ही में जहां आधा दर्जन के करीब जाली एन.ओ.सी. के मामले पकड़े हैं, वही इन दिनों जालंधर के तहसील परिसर में भी जाली एन.ओ.सी. का मामला काफी चर्चा में है।इस मामले में पिछले कुछ दिनों से जो तहकीकात शुरू कर रखी है, उसमें काफी चौंकाने वाले तथ्य सामने आ रहे हैं। पता चला है कि जाली एन.ओ.सी. बनाने वाले रैकेट में जालंधर नगर निगम का एक छोटे कद का क्लर्क भी शामिल है। कम उम्र के इस क्लर्क की पहुंच बिल्डिंग विभाग की तकरीबन सभी फाइलों तक है और उसका नियमित संपर्क भी बिल्डिंग विभाग के अधिकारियों से रहता है। पहले पहल इस क्लर्क पर शक व्यक्त किया जा रहा था कि प्लॉटों की क्लासिफिकेशन बनाने में जो फर्जीवाडा होता है, उसमें उसका हाथ होता है परंतु अब जाली एन.ओ.सी. के मामले में भी इस क्लर्क का नाम ही सामने आ रहा है। मांग उठ रही है कि अगर निगम प्रशासन जाली एन.ओ.सी घोटाले की जांच विजिलेंस को सौंपता है तो सच्चाई सामने आ सकती है। जाली एन.ओ.सी. के मामले में दूसरा नाम जो सामने आ रहा है वह कपूरथला/फगवाड़ा क्षेत्र के एक डिप्लोमा होल्डर आर्किटैक्ट का है, जिसे अक्सर निगम परिसर में देखा जाता है। पिछले समय दौरान जाली एनओसी के जो मामले सामने आए हैं, उसमें क्यू आर कोड का भी इस्तेमाल किया जा रहा है जिस कारण आशंका व्यक्त की जा रही थी कि यह काम किसी न किसी टैक्निकल व्यक्ति का है। यह भी पता लग रहा है कि इसी आर्किटेक्ट ने कुछ जाली एन.ओ.सीज से संबंधित फाइलें भी ई-नक्शा पोर्टल में अपलोड कर रखी हैं। जिस प्रकार इस फर्जीवाडे में दो लोगों के नाम सामने आ रहे हैं उस कारण विजिलेंस से इस सारे मामले की तफतीश काफी जरूरी है ताकि सच्चाई सामने आ सके।
जाली एन.ओ.सी. का मामला केवल जालंधर निगम में ही नहीं है बल्कि जालंधर की रैवेन्यू तहसीलों में भी इन दिनों जाली एन.ओ.सी. के ही कई मामले पकड़ में आ रहे हैं। ट्रांसपोर्ट नगर के साथ लगते बुलंदपुर क्षेत्र में पिछले समय दौरान रैवेन्यू विभाग से ही संबंधित एक शख्स ने अवैध कालोनी काटी थी जहां दो-दो, तीन-तीन मरले के प्लाटों की रजिस्ट्री की गई। पता चला है कि ज्यादातर रजिस्ट्री के साथ जाली एन ओ सी लगाई गई है जिस बाबत एक आर.टी.आई. एक्टिविस्ट ने प्रशासनिक अधिकारियों को शिकायत तक की थी। उस शिकायत के आधार पर एस.डी.एम. टू ने सब रजिस्टार जालंधर टू को पत्र लिखकर 11 जुलाई तक रिपोर्ट मांगी थी परंतु अभी तक सब रजिस्ट्रार ने एस.डी.एम. को वह रिपोर्ट नहीं भेजी। गत दिवस एस.डी.एम. कार्यालय ने दोबारा सब रजिस्ट्रार को पत्र लिखकर 48 घंटे में रिपोर्ट तलब की है। तहसील परिसर में चर्चा है कि अगर सब रजिस्ट्रार द्वारा जाली एन.ओ.सी. से संबंधित रिपोर्ट दी जाती है तो प्रशासनिक अधिकारी इस मामले में भी पुलिस एफ.आई.आर. की सिफारिश करेंगे। इसके बाद तहसील परिसर के एक वसीका नवीस पर भी गाज गिर सकती है। नगर निगम जालंधर और तहसील परिसर में जिस प्रकार जाली एन.ओ.सी. के मामले सामने आ रहे हैं और कई लोगों की शमूलियत भी पाई जा रही है, उससे आम आदमी पार्टी की सरकार के कई प्रतिनिधि काफी चिंतित दिख रहे हैं क्योंकि अब सरकारी कार्यालयों में भ्रष्टाचार खुलेआम होता जा रहा है। पता चला है कि इस जाली एन.ओ.सी. स्कैम को आप नेतृत्व ने गंभीरता से लिया है और इस मामले में डिप्टी कमिश्नर और निगम कमिश्नर से बैठक भी की जा चुकी है। माना जा रहा है कि जल्द ही यह सारा घोटाला पुलिस कमिश्नर के हवाले कर दिया जाएगा या इसकी विजीलैंस से जांच भी करवाई जा सकती है।