The Journalist Post देश की शान हमारे पहलवानों का इन दिनों दिल्ली की सड़कों पर अखाड़ा लगा है। मांग है, भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह से इस्तीफा लिया जाए और उन्हें गिरफ्तार किया जाए। बता दें कि पहलवान दूसरी दफा भाजपा सरकार के खिलाफ आए हैं। इससे पहले हरियाणा के खेल मंत्री संदीप सिंह पर छेड़छाड़ के आरोप लगे थे। अब गोंडा से बीजेपी के सांसद बृजभूषण सिंह पर यौन उत्पीड़न जैसे गंभीर आरोप लगे हैं।अपनी बेदाग छवि के कारण जहां पीएम नरेंद्र मोदी देश की शान को बढ़ा रहे हैं वहीं उनकी राज्य सरकारों में कई मंत्री और अधिकारी भाजपा की साख को बट्टा लगा रहे हैं। बुधवार सुबह राजधानी के जंतर मंतर से एक तस्वीर सामने आती है जिसमें पहलवान डामर रोड पर एक्सरसाइज करते नज़र आ रहे हैं। ट्रेनिंग सेशन में बजरंग पूनिया, विनेश फोगाट, साक्षी मलिक जैसे टॉप रेसलर दिखे।
बृजभूषण को क्लीनचिट मिली या नहीं इस पर भी संशय
जांच पैनल की तरफ से सांसद बृजभूषण को 5-1 के फैसले से क्लीन चिट देने की अपुष्ट सूचना सामने आ रही है। इस पर कोई खुलकर बताने को तैयार नहीं है। अब जब पहलवान विरोध करने जंतर-मंतर पर लौट आए हैं और साथ में उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है तो ऐसे में विनेश फोगाट ने कहा कि बबिता को पहलवानों से ज्यादा अपने राजनीतिक करियर की चिंता है। यह पूछे जाने पर कि वह पिछली बार जनवरी की तरह विरोध स्थल पर क्यों नहीं गईं तो उनका जवाब था कि-मैं पहलवानों के साथ थी और रहूंगी। मुझ पर किसी तरह का किसी राजनीतिक दबाव नहीं है।
जांच पूरी पर सरकार नहीं ले पा रही फैसला
सरकार ने विनेश फोगाट, साक्षी मलिक और बजरंग पूनिया सहित अन्य पहलवानों की तरफ से लगाए आरोपों की जांच के लिए दिग्गज मुक्केबाज एमसी मैरिकॉम की अध्यक्षता में समिति का गठन किया था। छह सदस्यीय पैनल में पूर्व पहलवान योगेश्वर दत्त, पूर्व बैडमिंटन खिलाड़ी तृप्ति मुरगुंडे, राधिका और टारगेट ओलिंपिक पोडियम योजना के पूर्व सीईओ राजेश राजगोपालन भी इस समिति शामिल थे। पैनल ने पांच अप्रैल को अपनी रिपोर्ट सौंप दी थीं लेकिन सरकार ने अभी तक न तो इसे सार्वजनिक किया और न ही किसी पर कोई कार्रवाई की।