नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान में 109 नई उन्नत फसल किस्मों का उद्घाटन किया। ये किस्में उच्च उपज देने वाली, जलवायु के प्रति अनुकूल और जैविक दृष्टि से सशक्त हैं। इस मौके पर प्रधानमंत्री ने किसानों और कृषि वैज्ञानिकों से संवाद किया और नई किस्मों के फायदों पर प्रकाश डाला। पीएम मोदी ने बताया कि इन नई किस्मों को अपनाने से न केवल उत्पादन लागत में कमी आएगी बल्कि पर्यावरण पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि इन फसलों का विकास किसानों की लागत कम करने और उत्पादन को बढ़ाने में सहायक होगा, साथ ही पर्यावरण के लिए भी लाभकारी साबित होगा।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्नत फसल किस्मों के महत्व को रेखांकित करते हुए कृषि में मूल्य संवर्धन की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने स्पष्ट किया कि ये नई किस्में किसानों के लिए अत्यंत लाभकारी साबित होंगी, क्योंकि इनसे उत्पादन की लागत में कमी आएगी और पर्यावरण पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। प्रधानमंत्री ने बाजरे के महत्व की विशेष चर्चा की और बताया कि लोग अब अधिक पौष्टिक आहार की ओर अग्रसर हो रहे हैं। इस बीच, उन्होंने प्राकृतिक और जैविक खेती के लाभों को भी उजागर किया, यह बताते हुए कि जैविक खाद्य पदार्थों की मांग में लगातार वृद्धि हो रही है। प्रधानमंत्री ने कहा कि इस रुझान से न केवल किसानों को लाभ होगा, बल्कि यह देश की खाद्य सुरक्षा और पर्यावरण संरक्षण में भी योगदान देगा। इस अवसर पर किसानों ने प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए सरकार की सराहना की और कृषि विज्ञान केंद्रों (केवीके) के योगदान की भी प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि ये केंद्र किसानों के बीच जागरूकता फैलाने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने केवीके से सुझाव दिया कि उन्हें हर महीने नई विकसित फसल किस्मों के लाभों के बारे में किसानों को जानकारी प्रदान करनी चाहिए। इससे किसानों को इन नई किस्मों के फायदों के बारे में पता चलेगा और वे इनका अधिक प्रभावी ढंग से उपयोग कर सकेंगे। पीएम ने यह भी कहा कि इस पहल से किसानों को नई तकनीकों और फसल किस्मों के लाभ को समझने में मदद मिलेगी, जिससे उनकी फसल की उत्पादकता और गुणवत्ता में सुधार होगा।